जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में पश्चिमी उप्र के गढ़ गंगा के रेतीले मैदान में कार्तिक माह में लगने वाले सबसे बड़े मेले के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन और जिला पंचायत स्तर से तैयारी शुरू हो चुकी हैं। गंगा के कटान के चलते इस बार प्रशासन के लिए तैयारियों को अमली जामा पहनाना बड़ी चुनौती है।
मेरठ सेक्टर की तरफ मुख्य स्नान घाट बनेगा, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को पर्याप्त स्थान मिल सके।
भूकटान के कारण इस बार मेले का स्वरूप भी बदलने की संभावना है। इसे लेकर जिला पंचायत और प्रशासन ने खाका तैयार कर लिया है। मेले को भव्य स्वरूप देने की कवायद की जा रही है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा मेला लठीरा के गंगा तट पर करीब 20 किलोमीटर के दायरे में लगता है। लेकिन गंगा के कटान से सदर सेक्टर और मुख्य स्नानघाट का क्षेत्र काफी कम कर दिया है। इस कारण इस बार सदर और मुख्य स्नानघाट पुराने मेरठ सेक्टर की तरफ बनाने की तैयारी है। पशु मेला पुराने स्थान पर ही रहेगा, इस बार 25 किलोमीटर के दायरे में मेला फैलने की संभावना है।
जिला पंचायत एएमओ आरती मिश्रा ने बताया कि मेरठ सेक्टर के लिए डब्बल की सोती को पार कर गंगा का रेतीला मैदान चिह्नित किया गया है। जहां पर श्रद्धालुओं और अन्य लोगों के आवागमन के लिए सोती पर दो अस्थायी पुल का निर्माण कराया जाएगा। वहीं आवश्यकता होने पर पुलों की संख्या बढ़ा दी जाएगी।
जिला पंचायत एएमओ आरती मिश्रा- ने बताया की मेला आयोजन से जुड़ी तैयारी समय से शुरू करा दी जाएंगी। जिसे लेकर आज (सोमवार) को टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ठेकेदारों को पांच नवंबर से पहले सभी तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया है। फसल कटवाई जा रही है। मेला आयोजन गत वर्षों के मुकाबले अधिक भव्य रहेगा।