हापुड़ शहर में बड़ी समस्या बन चुके बंदरों का आतंक खत्म करने के लिए सोमवार से मथुरा के कलंदर अभियान शुरू करेंगे। वार्डानुसार चलने वाले इस अभियान के दौरान करीब एक हजार बंदरों को पकड़ा जाएगा, इसके लिए रविवार को टीम भी आ जाएगी। एक बंदर को पकड़ने पर करीब 750 रुपये ही खर्च होंगे। हालांकि, तकनीकी खामियों के कारण कुत्तों की नसबंदी वाले टेंडर की प्रकिया अटक गई है और अधिकारी फिर से टेंडर कराने के प्रयास में हैं। उत्पाति बंदरों के पकडे जाने से शहरवासियों को राहात मिलेगी।
बंदर और कुत्तों का आतंक शहर में लगातार बढ़ रहा है। आए दिन आवारा कुत्ते और बंदर शहरवासियों को अपना शिकार बना लेते हैं। बंदर और कुत्तों के झुंड के झुंड मोहल्लों में बैठे रहते हैं। अकेले में देखते ही बंदर और कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। इससे लोगों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक नुकसान पहुंच रहा है। बार-बार शिकायतों के बाद भी नगर पालिका ने करीब साढ़े तीन साल तक कोई कदम नहीं उठाया। मात्र कागजों में टेंडर की प्रक्रिया चलती रही। इस दौरान बंदरों और कुत्तों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी भी हुई है। इसके अलावा दिल्ली और आसपास के क्षेत्र से आकर लोग नगर के आसपास बंदरों को छोड़कर चले जाते हैं।
इसके चलते भी बंदरों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, अब करीब आठ बार टेंडर निकालने के बाद कम से कम बंदरों को पकड़ने की प्रक्रिया पूरी हुई है। बंदरों को पकड़ने के लिए करीब दो माह तक शहर के प्रत्येक वार्ड में अभियान चलेगा।
नगर पालिका ने एक हजार बंदरों को पकड़कर दूसरे स्थान पर छोड़ने के लिए टेंडर निकाला था। इसके अलावा करीब 800 कुत्तों की नसबंदी के टेंडर की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण कुत्तों की नसबंदी का टेंडर अटक गया है।
ईओ मनोज कुमार- ने बताया की बंदरों को पकड़ने का अभियान अगले सप्ताह से शुरू होगा। कुत्तों की नसबंदी का टेंडर पुनः निकालने की तैयारी है। उम्मीद है कि इस बार यह टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी।