जनपद हापुड़ में अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है, लेकिन जोड़ों का दर्द, ह्दय की कमजोरी और फेफड़ों का संक्रमण उनकी यात्रा में रुकावट पैदा कर रहा हैं। जिला अस्पताल में ऐसे करीब 100 से अधिक आवेदन निरस्त किए गए हैं। जबकि 1500 से ज्यादा के प्रमाण पत्र बने हैं। हापुड़ के साथ मेरठ के श्रद्धालुओं के प्रमाण पत्र भी यहीं से बन रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा के दौरान सीधी खड़ी चढ़ाई करनी होती है। ऐसे में पूरी तरह स्वस्थ श्रद्धालुओं को ही वहां जाने की अनुमति है। इस साल सावन दो महीने का है, ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ जा रहे हैं। मुख्य बात यह है कि इस बार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच भी हापुड़ में ही हो रही है।
इसमें हापुड़ जिले के समस्त ब्लॉक के साथ ही मेरठ के खरखौदा ब्लॉक तक के श्रद्धालुओं को भी यहीं जांच के लिए बुलाया जा रहा है। अब तक चिकित्सकों का पैनल 1500 से अधिक श्रद्धालुओं के प्रमाण पत्र जारी कर चुका है। लेकिन 100 से अधिक ऐसे हैं जिनके जोड़ों में दर्द और कमजोरी से उनकी यात्रा अधूरी ही रह गई है।
इन लोगों में 40 फीसदी के करीब 35 से 45 साल वाले भी हैं। कई लोगों के फेफड़ें कमजोर मिले हैं, जिस कारण उन्हें ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेने में समस्या आ सकती है। कई लोगों में हृदय संबंधी रोग भी मिले हैं। कुल मिलाकर इन लोगों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।
जिनके श्रद्धालुओं के अंगों में परेशानी है, उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। पूरी जांच के बाद ही प्रमाण पत्र मिल रहा हैं। वहीं दो चिकित्सकों की अमरनाथ यात्रा में ड्यूटी लगाई है। अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है। ऐसे में कमजोर श्रद्धालुओं के आवेदन निरस्त हुए है वो निराश है।
हापुड़ सीएचसी के चिकित्सक डॉ. आशीष और डॉ. संगीता की ड्यूटी अमरनाथ में लगी है। वहां श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए इन्हें भेजा गया है। इसके अलावा छह चिकित्सक और अन्य शिफ्टों में अमरनाथ जाएंगे।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। पैरों के जोड़, ह्दय, फेफड़े स्वस्थ मिलने पर ही प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। जिनके अंगों में परेशानी है, उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिए जा रहे हैं।