आज जेएमएस ने इस वर्ष का दीपोत्सव अपने प्रतिभा के दीप जलाकर कुछ अलग अंदाज में मनाया। आज सभी छात्रों ने इस खास दिन पर अपने सभी अभिभावकों को स्कूल परिसर में बुलाकर अपनी खास प्रतिभा से रूबरू कराया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय अध्यक्ष श्री राकेश सिंघल, विद्यालय प्रबंधक डॉ आयुष सिंघल, सेक्रेटरी डॉ रोहन सिंघल, वाइस चेयरमैन डॉ हिमांशु सिंघल, ग्रुप डायरेक्टर डॉ सुभाष गौतम तथा प्रधानाचार्य डॉ निधि मलिक द्वारा प्रदर्शनी का फ़ीता काटकर की गई।
इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने इस वर्ष अपने शिक्षकों से सीखी प्रतिभाओं का विज्ञान प्रदर्शनी मे आयोजन किया। जिसमे छात्रों ने अपने अभिभावक को व शिक्षकों का ब्लड ग्रुप चेक करके सभी को चकित कर दिया। जिस ब्लड ग्रुप को चेक कराने के लिए सभी को पैथ लैब जाना पड़ता है उसे यहाँ के विद्यार्थियों ने बिना किसी लैब के ही चेक कर दिया। इसके अलावा भी बहुत सारे आविष्कार जैसे इंट्रोडक्शन ऑफ़ होलोग्राफी, ह्यूमन हार्ट, क्विज बोर्ड, चंद्रयान-3, हाइड्रोलिक ब्रिज आदि का प्रदर्शन नन्हे मुन्ने विद्यार्थियों द्वारा किया गया और इस साइंस एग्जीबिशन करने का मोटिव बच्चों की साइंटिफिक स्किल को इंप्रूव करना है।
इन प्रदर्शनियों से बच्चों में रिसर्च स्किल्स को डेवलप करना, क्रिएटिविटी को बढ़ाना तथा उसी के माध्यम से बच्चों का बौद्धिक तार्किक विकास करना है। बच्चों में हर बार कुछ नया सीखने का प्रयास करते रहने तथा आपसी तालमेल बिठाना भी है। इसी के साथ-साथ टीम में काम कर बच्चों को टीमवर्क के लिए भी प्रोत्साहन मिलता है। आज कुछ अन्य छात्रों ने स्वलिखित कॉमिक्स के माध्यम से अपने अंदर का छुपा हुआ लेखक को भी अपने अभिभावकों से मिलवाया, जिसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावक गणों ने उनको खूब सराहा। इतनी कम उम्र में अपनी स्वलिखित कॉमिक्स बुक्स सभी के सामने प्रस्तुत करना, उन बच्चों के लिए एक अद्भुत अनुभव रहा।
विद्यालय परिसर में आज रोबोटिक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसका उद्देश्य बच्चों की तार्किक सोच और समस्या समाधानों को बढ़ाना, रचनात्मक और नवाचार को प्रोत्साहित करना, व्यवहारिक टीम सीखने की सुविधा देना, सहयोग कौशल को बढ़ाना, धैर्य और दृढ़ता विकसित करना तथा भविष्य में जॉब मार्केट के लिए तैयार करना रहा। रोबोटिक का एक उद्देश्य विद्यार्थियों में डिजिटल कौशल में आत्मविश्वास को बढ़ाना भी है। इस प्रदर्शनी में बच्चों ने अपनी अन्य कलाकृतियों को भी अभिभावकों को दिखाने के लिए रखा। विद्यार्थियों ने अपनी अन्य भाषाओं की क्रियात्मक गतिविधियां भी प्रदर्शनी में रखी जिनके माध्यम से उनको विषय के बारे में समझना उन्हें जानना और आसान रहा।