हापुड़। राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) ने धौलाना औद्योगिक क्षेत्र में स्क्रैप का कारोबार करने वाली एक फर्म पर छापा मारकर बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर किया है।
फर्म ने बोगस कंपनियों से खरीद फरोख्त दिखाकर लगभग चार करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) अवैध रूप से क्लेम कर लिया था।
इ
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बढ़ी सख्ती
इस कार्यवाही की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में की गई राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक है, जिसमें उन्होंने फर्जी फर्मों और कर चोरी करने वाले कारोबारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
इसी के तहत एसजीएसटी के खंड-3 में पंजीकृत ‘यूएचएम एलॉयज’ नामक फर्म पर संयुक्त आयुक्त अजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एसआईबी की टीम ने छापा मारा।
जांच में यह सामने आया कि फर्म ने स्क्रैप (पुरानी बैटरियों को गलाकर लीड इंगट और प्लास्टिक अलग करने) के नाम पर फर्जी फर्मों से खरीद दिखाकर आईटीसी क्लेम किया था, जबकि संबंधित फर्मों का अस्तित्व ही संदिग्ध निकला।
माल सीज़, 32 लाख की वसूली
छापे के दौरान विभाग ने 1.11 करोड़ रुपये मूल्य का लीड इंगट व बैटरी स्क्रैप स्टॉक जब्त किया है और फर्म संचालक से मौके पर 32 लाख रुपये विभागीय खाते में जमा कराए गए हैं।
संयुक्त आयुक्त अजय प्रताप सिंह के अनुसार:
“फर्म की पंजीकरण तिथि वित्तीय वर्ष 2024-25 की है। दस्तावेजों की बारीकी से जांच के बाद धोखाधड़ी सामने आई है। मामले की जांच जारी है और आगे की कार्यवाही के लिए जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा।”
जांच में और फर्में आ सकती हैं घेरे में
जांच एजेंसियों को शक है कि यह मामला केवल एक फर्म तक सीमित नहीं है। जिन कंपनियों से कथित खरीद दर्शाई गई, उनकी भी व्यवसायिक गतिविधियों का कोई आधार नहीं मिला है। कुछ कंपनियां बंद पाई गईं, तो कुछ कागज़ों में ही संचालित थीं।
धौलाना औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह की फर्जीवाड़े की यह पहली बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है, और कर विभाग की निगाह अब अन्य पंजीकृत स्क्रैप कंपनियों पर भी टिकी हुई है।