हापुड़ में शासन ने गेहूं की खरीद को बढ़ावा देने के लिए कुछ आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। नए आदेशों के तहत खरीद केंद्र प्रभारी अब केंद्राें पर बिक्री के लिए आने वाले गेहूं को गुणवत्ता में कमी बताकर तौल से मना नहीं कर सकेंगे। गेहूं को रिजेक्ट करने के पीछे कारणों को भी बताना होगा। शिकायत पर टीम पूरे मामले की जांच पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट देगी।
पूर्व में किसान आरोप लगाते रहे हैं कि खरीद केंद्रों पर आने वाले किसानों की फसल को मनमाने तरीके से रिजेक्ट कर दिया जाता है। कहा जाता है कि सरकार के मानक के अनुसार उनकी उपज नहीं है। ऐसे में केंद्रों पर लक्ष्य के अनुसार खरीद पिछड़ जाती थी। केंद्र प्रभारियों के लिए अब ऐसा करना आसान नहीं होगा। किसानों की समस्याओं को देखते हुए शासन ने फसल को खरीदने से मना करने में शर्तों को लागू किया है।
जारी आदेशों के तहत समस्त केंद्र प्रभारियों को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि खरीद से मना करने पर रिजेक्शन रजिस्टर में गेहूं विक्रेता का नाम, उसका पूरा पता, मोबाइल नंबर, गेहूं की मात्रा और तौल से मना करने का कारण दर्ज करना होगा। इसे ऑनलाइन भी दर्ज करना होगा। निर्देश हैं कि रिजेक्ट होने की दशा में नमूना भी केंद्र पर रखा जाएगा। जिसके बाद गठित टीम उस गेहूं की गुणवत्ता की जांच करेगी।
जिला विपणन अधिकारी समेंद्र प्रताप ङ्क्षसह का कहना है कि उपज रिजेक्ट होने की दशा में किसान की अपील पर यह टीम अपनी जांच करेगी। ऐसे में किसानों को सहूलियत प्रदान की गई है।