हापुड़, गढ़ रोड स्थित एक ट्रेडिंग कंपनी द्वारा दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अनुदानित डीएपी और यूरिया की आपूर्ति को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। कृषि विभाग की जांच में सामने आई अनियमितताओं को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है, जो खाद की आपूर्ति, बिक्री और वितरण से जुड़ी गतिविधियों की सत्यता की पुष्टि कर रिपोर्ट तैयार करेगी।
🚨 क्या है मामला?
कुछ दिन पहले कृषि विभाग द्वारा दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी समेत दो प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई थी। जांच के दौरान सामने आया कि फर्टिलाइजर की बिक्री में गंभीर अनियमितताएं बरती जा रही थीं। इसी के आधार पर कंपनी के दो फर्टिलाइजर लाइसेंस बर्खास्त और दो निलंबित कर दिए गए।
📋 जांच की दिशा और उद्देश्य
प्रकरण में शामिल कंपनी का संबंध जन उर्वरक परियोजना से होने और अनुदानित खाद की आपूर्ति से जुड़ा होने के कारण मामले की गंभीरता बढ़ गई है। इसीलिए कृषि विभाग ने तीन अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई है, जो:
- डीएपी और यूरिया की आपूर्ति का रिकॉर्ड खंगालेगी
- बिक्री केंद्रों और वितरण क्षेत्रों की पुष्टि करेगी
- रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपेगी
🗣️ जिला कृषि अधिकारी का बयान
गौरव प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी, ने कहा:
“उर्वरक संबंधी अनियमितताओं को लेकर कार्यवाही जारी है। प्रकरण की गहनता से जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है, और इस रिपोर्ट के आधार पर संबंधित कंपनी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।