हापुड़ जिले के 17 निजी स्कूलों की फीस वृद्धि में अनियमितता मिली है। छात्रों से गलत तरीके से फीस वसूली है, शुल्क निर्धारण समिति की बैठक में डीएम ने इन स्कूलों को 15 दिन के अंदर बच्चों की फीस वापस करने के निर्देश दिए हैं। साथ की अधिनियम के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिकतम 8.96 फीसदी इजाफा करने के निर्देश दिए।
निजी स्कूलों की मनमानी लगातार सामने आ रही है। स्कूलों की शिकायत करने के बावजूद भी निजी स्कूल संचालक पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूल रहे हैं।
डीएम अभिषेक पांडेय ने बैठक में अधिनियम पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल अधिनियम के अनुसार प्रति वर्ष फीस में पांच फीसदी और सीपीआई को जोड़कर ही फीस वृद्धि करेगा। डीआईओएस ने बताया कि इस वर्ष सीपीआई 3.98 फीसदी है। ऐसे में स्कूल अधिकतम 8.98 फीसदी ही फीस बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल पांच साल तक यूनिफार्म नहीं बदल सकते और न ही अभिभावकों को किसी एक दुकान से इन्हें खरीदने के लिए बाध्य करेंगे। किताब खरीदने के लिए भी एक ही दुकान पर जाने को बाध्य नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिकायत मिली है कि बहुत से स्कूल छात्रों को होमवर्क करने के लिए भी स्कूल की नाम छपी कॉपियां अपने यहीं से देते हैं, ऐसा नहीं चलेगा। स्कूलों को तत्काल ही इस पर नियंत्रण लगाना होगा। स्कूलों को 15 दिन के अंदर अपनी फीस समिति से सत्यापित कराने के बाद वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर अधिनियम अनुसार कार्यवाही होगी। ऐसे स्कूलों पर प्रथम कार्यवाही एक लाख का जुर्माना, दूसरी कार्यवाही में पांच लाख का जुर्माना और तीसरी कार्यवाही में मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति की कार्यवाही की जाएगी।
डीएम अभिषेक पांडेय- ने बताया की शुल्क निर्धारण समिति की बैठक में 17 स्कूलों की फीस में अनियमितता मिली है। उन्हें 15 दिन के अंदर बढ़ाकर ली फीस वापस करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शुल्क निर्धारण को लेकर स्कूलों को जागरूक किया है। आदेश नहीं मानने वालों पर कार्यवाही होगी।
डीआईओएस डॉ.विनीता- ने बताया की शुल्क निर्धारण समिति की बैठक में स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि किताब, यूनिफार्म के लिए अभिभावकों को बाध्य नहीं करेंगे। शुल्क निर्धारण भी तय किया गया है, अभिभावक समिति में शिकायत कर सकते हैं।