जनपद हापुड़ में बरसात के मौसम में नमी के कारण चर्म रोग फैलने लगा है। वहीं, दाद, मुहासे, फुंसी, फोड़ा के मरीज भी काफी बढ़े हैं। अस्पतालों की ओपीडी में सात दिन के अंदर 2800 मरीज पहुंचे हैं, लेकिन किसी सरकारी अस्पताल में त्वचा रोग विशेषज्ञ ही नहीं हैं।
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अमरजीत सिंह ने बताया कि त्वचा रोग गर्मी और बरसात आने पर बढ़ जाता है। चर्म रोग सबसे पहले शरीर के पसीना रुकने वाले स्थानों पर अधिक होता है, जैसे बगल, जांघ, छाती का निचला भाग और उंगलियों का बीच। इन मरीजों को उंगलियों के बीच, चेहरे पर या शरीर के अन्य जगहों पर दाने बन जाते हैं।
उन्होंने सलाह दी है कि त्वचा रोगों से बचने को योग्य चिकित्सक से इलाज कराएं। पसीना आने वाले स्थानों को सूखा रखें, जिसके लिए पाउडर का इस्तेमाल करें। एक से दूसरे मरीज में बीमारी तेजी से फैल रही है, एक ही घर के 80 से 90 फीसदी लोगों में फंगल इंफेक्शन मिल रहा है। इसके अलावा स्कैबीज भी लगातार बढ़ रहा है।
गढ़ रोड सीएचसी की बात करें तो यहां प्रतिदिन 120 से 150 मरीज पहुंच रहे हैं। अन्य सरकारी अस्पतालों में भी संख्या बढ़ रही है, निजी अस्पतालों में भी चर्म रोग विशेषज्ञों की ओपीडी फुल हैं। आश्चर्य की बात यह है कि किसी सरकारी अस्पताल में त्वचा रोग विशेषज्ञ ही नहीं हैं। ऐसे में झोलाछाप से इलाज न कराएं, अपनी मर्जी से दवा न लें। मजबूरी में मरीज प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।
नहाने के पानी में एंटीसेप्टिक की बूंदें डालें। त्वचा के लिए एंटीबैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करें। पहले से इंफेक्शन है तो पहनने के कपड़ों को गर्म पानी में उबालकर धोएं और धूप में अच्छे से सुखाएं। अपने आप को साफ सुधरा रखें।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री- ने बताया की जिले में चर्म रोगियों की संख्या काफी बढ़ी है, दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। फिर भी अतिरिक्त दवाओं की डिमांड कर दी गई है। मरीजों को उपचार के साथ पर्याप्त दवाएं दी जा रही हैं।