जनपद हापुड़ में बरसात के मौसम में खानपान में लापरवाही पेट का संक्रमण बढ़ा रही है। इसके अलावा त्वचा रोग की बीमारी भी बढ़ गई है। अस्पतालों में इस तरह के मरीजों की संख्या पहले से ढाई गुना हो गई है। गढ़ रोड अस्पताल की ओपीडी फुल रही, ऐसे मौसम में चिकित्सक विशेष खानपान की सलाह दे रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में खानपान में लापरवाही से फूड प्वाइजनिंग, पेट में दर्द, उल्टी के मरीज बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में सुबह से दोपहर दो बजे तक ऐसे मरीजों की लाइन नहीं टूट रही हैं। गढ़ रोड सीएचसी की बात करें तो इस समय यहां प्रतिदिन 600 से 700 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं। जिनमें 200 से 250 मरीज पेट के संक्रमण और त्वचा रोग से संबंधित हैं। निजी अस्पतालों की ओपीडी भी ऐसे ही मरीजों से फुल चल रही हैं।
बरसात के मौसम में कई संक्रामक बीमारियां हो जाती हैं। इस दौरान त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी तेजी से बढ़ती है। भले ही आप खुद को कितना भी बचाने की कोशिश करें, लेकिन गंदे पानी के संपर्क में आ ही जाते हैं। इससे खुजली, शरीर पर दाने और फोड़े फुंसी की समस्या होती है। यह फंगल इंफेक्शन का मुख्य कारण है। बरसात में गीले कपड़े पहन रहने से, गंदे पानी के संपर्क में आने से, एक ही कपड़े को बिना धोए बार-बार पहनने से या नियमित रूप से न नहाने से फंगल इंफेक्शन हो जाता है।
फंगल ज्यादातर गर्म , गीली स्थितियों या बरसात से पैदा होने वाली नमी में पनपते हैं। इसके अलावा चीजों को शेयर करने से भी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। खासतौर से सोरायसिस या एक्जिमा जैसी स्किन डिजीज वाले लोगों के लिए ये मौसम बहुत खतरनाक है।
चिकित्सकों का दावा है कि बरसात में सुपाच्य भोजन न करने और दूषित पानी के इस्तेमाल से पेट के संक्रमण की समस्या हो रही है। साथ ही कई दिनों तक बादल छाए रहने से पर्याप्त धूप नहीं होने के कारण फंगल इंफेक्शन (त्वचा रोग) भी बढ़ रहे हैं।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ शिशिर गुप्ता- ने बताया की बरसात के मौसम में जरूरत से ज्यादा नमी होने के कारण त्वचा रोग फैल रहा है। कपड़ों को अच्छे से सुखाएं, साथ ही प्रेस कर उन्हें पहने। ताकि कपड़ों पर लगा संक्रमण खत्म हो जाए। दाद, या अन्य त्वचा रोग होने पर परामर्श के बाद ही दवा का सेवन करें।