हापुड़। गलत खानपान और बिगड़ती दिनचर्या से उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाएं की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं। गर्भवती महिलाएं उच्च रक्तचाप और मधुमेह की चपेट में आ रही हैं। एक हजार महिलाओं के सर्वे में करीब 20 फीसदी बीमारियों से पीड़ित मिली हैं, जिनका असर गर्भस्थ शिशुओं पर भी पड़ रहा है। चिकित्सक आवश्यक दवाओं के साथ आदतें बदलने की सलाह दे रहे हैं।
जच्चा बच्चा सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं की आवश्यक जांच कराता है। हाल ही में जिले के चारों ब्लॉकों से एक हजार महिलाओं पर सर्वे में पता चला कि करीब 200 महिलाएं रक्तचाप और मधुमेह की समस्या से जूझ रही हैं। गर्भावस्था में मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में यदि समय से उपचार नहीं हो पता है तब आगे चलकर प्रसूता एवं गर्भस्थ शिशु में विभिन्न जटिलताएं हो सकती है।
स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं खून की कमी से पीड़ित मिली हैं। 50 से अधिक महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 9 से भी कम पाया गया है। ऐसी महिलाओं को प्रसव के दौरान सबसे अधिक जोखिम रहता है।
इन महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कर आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। गर्भवती महिलाओं को उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए हरी साग- सब्जी, दूध, सोयाबीन, फ़ल, भूना हुआ चना एवं गुड़ खाने की सलाह दी।