हापुड़ के जिलेभर में अवकाश पर मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए चल रहे जन आरोग्य मेले औपचारिकता में निपट रहे हैं। रविवार को इनमें कोई विशेषज्ञ चिकित्सक तक नहीं पहुंचे। कई अस्पतालों में फार्मासिस्ट और सफाई कर्मियों ने उपचार किया। खांसी, बुखार की दवाएं लेकर ही मरीज वापस लौट जाते हैं।
सभी लोगों तक उपचार सेवा पहुंचाने के लिए हर रविवार को जन आरोग्य मेला लगाया जाता है लेकिन, यह मेला सिर्फ एक-एक एमबीबीएस चिकित्सकों के सहारे ही चलता है। क्योंकि इनमें न तो भर्ती करने की व्यवस्था होती है और न ही गंभीर बीमारियों की परखने की। उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक भी अस्पतालों में नहीं पहुंचते हैं।
रविवार को आरोग्य मेलों में 1233 मरीज आए, इनमें डायरिया, बुखार वाले सबसे अधिक थे। मोतीनगर कॉलोनी में लगे आरोग्य मेले में सफाई कर्मचारी की स्टाफ की कमी के कारण मरीजों के बीपी माप रहा था। अन्य उपचार सेवा में भी यही लगा था।
यहां एमबीबीएस चिकित्सक भी मौजूद नहीं थे। जिस कारण दूर दराज से आने वाले मरीज बुखार, खांसी की दवाएं लेकर लौट गए। कई अन्य अस्पतालों में फार्मासिस्ट उपचार करते मिले। जबकि कुछ अस्पतालों में चिकित्सकों की कुर्सियां ही खाली रहीं। शिविर में आने वाले चिकित्सक सप्ताह में किसी दूसरे दिन अवकाश करते हैं। जिस कारण उस दिन ओपीडी सेवा भी बाधित रहती है। पिछले दिनों ऐसे अस्पताल की सप्ताह में एक दिन बंद कर दिए जाते थे, जिसका संज्ञान भी लिया गया है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की आरोग्य मेलों में मरीजों को बेहतर उपचार सेवा देने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। चिकित्सकों को भी निर्देशित किया जा चुका है।