हापुड़ शहर में नियमों का ताक पर रखकर अवैध रूप से होर्डिंग लगे हुए हैं। पालिका को तो इनसे राजस्व का नुकसान हो ही रहा है। होर्डिंग लगाने के दौरान मानकों का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
शहर में मानकों का पालन नहीं हो रहा है। शहर के सभी मुख्य सड़कों और चौराहों पर अवैध होर्डिंग की भरमार रहती है। बैनर, पोस्टर और फ्लेक्स लगाने में जगह भी नहीं देखते। लोहे के गार्डर के बजाय बांस बल्लियों के सहारे इन्हें खड़ा किया हुआ है। तेज हवा या फिर आंधी में इनके गिरने का खतरा रहता है। ऐसे में इनसे बड़ा हादसा हो सकता है।
पालिका और संबंधित विभागों के अधिकारी भी इनसे अंजान बने हुए हैं। वर्ष-2017 में नगर पालिका ने तीन जोन में लगभग तीस लाख रुपये में टेंडर निकाला था। इसके पांच साल बाद अब पालिका सीमा क्षेत्र में यह टेंडर निकाला गया है। इसमें होर्डिंग, यूनिपोल व क्योस्क आदि लगाने के लिए नियम व शर्तें तय की गई हैं।
लेकिन इस क्षेत्र के अलावा शहर की लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व वाली सड़के शामिल नहीं हैं। वहां पर अवैध रूप से होर्डिंग लगे हुए हैं। इन्हें लगाने में भी नियमों को ताक पर रखा हुआ है। सरकारी संपत्तियों के अलावा बांस बल्लियों के सहारे होर्डिंग लगा दिए गए हैं। तेज हवा या आंधी में इनके गिरने का खतरा रहता है।
एडीएम संदीप कुमार- ने बताया की शहर में नियम के अनुसार ही होर्डिंग लगाए जाएंगे। इस संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों से बात की जा रही है। नियम विरुद्ध होर्डिंग के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और कार्यवाही की जाएगी।