हापुड़ जिले में 4887 वाहन अपनी मियाद पूरी कर चुके हैं। ऐसे वाहन प्रदेश के 34 जिलों में संचालन के लिए परिवहन विभाग से एनओसी प्राप्त कर सकते हैं। तीन माह के अंदर एनओसी न लेने पर इन वाहनों को कबाड़ घोषित कर पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दस वर्ष पूर्ण कर चुके डीजल वाहनों और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल व सीएनजी वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी है। ऐसे वाहनों को समय सीमा पूर्ण करने के बाद उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर कबाड़ घोषित कर दिया जाता है।
हापुड़ जिला बनने के बाद जिले में गाजियाबाद में पंजीकृत 4740 वाहन और हापुड़ में पंजीकृत 129 वाहन अपनी समय सीमा पूरी कर चुके हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश वाहनों का संचालन अभी भी जारी है। ऐसे में परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को अपने वाहनों का पंजीकरण एनसीआर से बाहर इटावा, महराजगंज, औरेया, सोनभद्र, फतेहपुर, मैनपुरी, प्रतापगढ, एटा, औरेया, हमीरपुर, बिजनौर सहित एनसीआर से बाहर 34 जिलों में कराने के लिए तीन माह का समय दिया है। वहीं बीएस-एक और बीएस-दो वाहनों को कोई एनओसी नहीं दी जाएगी, इन वाहनों को स्क्रैप करने की कार्यवाही होगी।
एआरटीओ प्रशासन छवि सिंह का कहना है कि वाहन स्वामी वाहनों की समय सीमा पूर्ण होने से पूर्व ही वाहन स्वामी एनसीआर क्षेत्र से बाहरी जिलों में वाहनों का पंजीकरण कराने के लिए कार्यालय में एनओसी के लिए आवेदन कर दें। समय सीमा पूरी होने के बाद वाहनों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा।