हापुड़ में ऊर्जा निगम के छह अधिकारियों के निलंबन के मामले में उच्च न्यायालय ने निगम के एक अधिकारी एसडीओ तृतीय देवेंद्र यादव के निलंबन पर रोक लगा दी है। 48 घंटे में आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा है। इस आदेश से अन्य अधिकारियों में भी राहत की उम्मीद जगी है।
आरडीएसएस योजना में लगे कुछ आरोपों पर एमडी पीवीवीएनएल ने अधीक्षण अभियंता अवनीश कुमार, एसडीओ तृतीय देवेंद्र यादव, अवर अभियंता लेखराज, आनंद मौर्य, सीए संजीव आनंद व पिलखुवा के परतापुर बिजलीघर के अवर अभियंता संतोष कुमार दिवाकर को निलंबित कर दिया था। एसई कार्यालय के दो लिपिकों का भी स्थानांतरण कर दिया।
निलंबन को एसडीओ तृतीय देवेंद्र यादव ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि आरडीएसएस योजना में जर्जर तारों को बदलने का प्रावधान है। नियमानुसार यह कार्य कराया गया। उन्होंने इस प्रकरण में शिकायतकर्ता नरेश शर्मा की पूर्व में दर्ज कराई एफआईआर का भी हवाला दिया। वहीं, निलंबन आदेश पर लिखा गया था कि देवेंद्र कुमार को रोजाना मुख्यअभियंता सहारनपुर कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करानी है। जबकि निलंबित व्यक्ति जांच अधिकारी के अधीन होता है, उस पर रोजाना उपस्थिति दर्ज कराने का दबाव नहीं बनाया जा सकता। इस संबंध में पूर्व में न्यायालय के जारी आदेशों को उन्होंने याचिका में शामिल किया।
उच्च न्यायालय ने एसडीओ तृतीय देवेंद्र यादव को राहत दिलाते हुए उनके निलंबन पर रोक लगा दी है। साथ ही उन्हें ड्यूटी पर मानते हुए इस अवधि का वेतन नियमित देने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता प्राणेश मिश्रा ने बताया कि हाईकोर्ट ने सीजेएम मेरठ से 48 घंटे में एमडी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से इस आदेश का पालन कराने का आदेश जारी किया है।