हापुड़ में लोगो की जिंदगी हीटवेव के कहर से जूझ रही है। हीट वेव और डायरिया की चपेट में आए मरीजों को महज 30 दिन में 50 हजार से अधिक ओआरएस बांट दिए गए हैं। साथ ही पांच हजार से अधिक ग्लूकोज की बोतले चढ़ाई गई हैं। यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के हैं, निजी बाजार से भी करीब तीन करोड़ के ग्लूकोज खरीदे गए हैं।
भीषण गर्मी और हीटवेव (Heat Wave) से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। गर्मी का असर बना हुआ है, गर्म हवाएं झुलसा देने वाली हैं। आलम यह है कि सुबह से ही गर्मी अपना असर दिखाने लगती है। दोपहर आते-आते सूरज आग उगलने लगता है और गर्मी रौद्र रूप धारण कर लेती है। दोपहर में तो सड़कों पर सन्नाटा ऐसे पसर जाता है।
ऐसी भीषण गर्मी के चलते मरीजों में डिहाइड्रेशन की समस्या सबसे अधिक है। किसी भी मर्ज के चिकित्सक को ग्लूकोज अनिवार्य रूप से चढ़ाई जा रही है। साथ ही गर्मी से बीमार पड़े मरीज को ओआरएस का पैकेट दिया जा रहा है। ओपीडी में आने वाले 70 फीसदी से अधिक मरीजों को आवश्यकता पड़ रही है।
इनकी जिलेभर के सीएचसी, पीएचसी और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर गौर करें तो इस महीने 50 हजार से अधिक ओआरएस के पैकेट मरीजों में वितरित किए गए हैं। हापुड़ सीएचसी से बृहस्पतिवार को 20 हजार ओआरएस और ग्लूकोज की बोतलों की भी मांग भेजी है। डायरिया के कारण मरीजों में पेट दर्द, गैस बनने की शिकायत आ रही है, जिस कारण इन दवाओं की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। जिलेभर के अस्पतालों में इन दवाओं की अनिवार्यता जरूरी कर दी गई है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की जिलेभर के अस्पतालों में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है। ओआरएस और ग्लूकोज की कोई कमी नहीं है। जितनी मांग अस्पतालों से मिल रही है, वह पूरी कराई जा रही है।