हापुड़ में पारा चढ़ने के साथ ही इंसानों के साथ-साथ पशुओं में भी डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ गया है। लू के चलते दुधारू पशुओं की सेहत भी बिगड़ी है। पारा चढ़ने का सीधा असर दुधारू पशुओं की सेहत पर भी पड़ा है। लगातार गर्मी बढ़ रही है। पशुपालन विभाग के अस्पतालों में रोजना लगभग 90 से अधिक पशुओं का इलाज हो रहा है। इस कारण जनपद में लगभग 30 हजार लीटर दूध का उत्पादन भी घटा है। विशेषकर, इन दिनों में भैंसों में दूध उत्पादन घटकर 40 प्रतिशत रह गया है।
डिहाइड्रेशन के शिकार पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। गर्मी के कारण एक ओर लोगों पर इसका व्यापक असर पड़ा है। वहीं, पशु भी गर्मी की चपेट में आ रहे हैं। पशु चिकित्सक डॉ. रोहताश कुमार ने बताया कि पशुओं की भी इस भंयकर गर्मी में देखभाल की आवश्यकता है। गर्मी के कारण दुधारू पशुओं का दूध लगातार कम होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके यहां फ्री गंज रोड स्थित अस्पताल में गर्मी से बीमार हुए हर दिन करीब 12 से 15 पशुओं का इलाज किया जा रहा है।
पूरे जिले के पशु अस्पतालों का लगभग यही हाल है। अधिक गर्म मौसम की वजह से पशुओं में डिहाइड्रेशन की शिकायतें आ रही हैं। जैसे-जैसे मौसम ज्यादा गर्म होगा भैसों व काले रंग के पशुओं में इसका सबसे अधिक बुखार और डिहाइड्रेशन का खतरा बनेगा। इस मौसम में पशु चारा भी कम खाते हैं। इसलिए उनका अधिक ध्यान देने की जरूरत है। पशुपालक और डेयरी संचालक सुमित ने बताया कि दुधारू भैंसों पर गर्मी का बहुत अधिक असर है। दूध का उत्पादन भी घटा है।
सीवीओ डॉ. एनएन शुक्ला- ने बताया की पशुपालकों से कहा गया है कि पशुओं को अधिक से अधिक पानी पिलाएं और छांव में रखें। कोशिश करें कि पंखा और कूलर पशुओं के लिए चलाएं।