हापुड़ – जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हापुड़ के प्रशिक्षकों द्वारा हीट वेव जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम अभियान शुरू किया गया, इस अभियान का उद्देश्य आगामी लू एवं गर्मी के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ छात्रों और स्कूल स्टाफ को गर्मी की लहरों से निपटने के लिए आवश्यक जानकारी और कौशल प्रदान करना है, ताकि वे गर्मी से संबंधित जोखिमों से सुरक्षित रह सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्कूल प्राचार्यों, शिक्षकों, सहायक स्टाफ और छात्रों ने विशेष रूचि दिखाते हुए प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग से आये अजीम इकबाल एवं सतीश ने हीट वेव के प्रभाव, इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले जोखिमों और निवारक उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में शामिल व्याख्यान एवं विषयों में हाइड्रेशन की महत्ता, उचित वेंटिलेशन, हीटस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से निपटने की प्राथमिक चिकित्सा, तथा स्कूल समय और आउटडोर गतिविधियों में बदलाव के लिए दिशा निर्देश दिये गये।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जिला आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी गर्मी के सीजन तक निरन्तर चलाये जायेंगे। जिसमें लू से होने वाले खतरों के बारे में बताया एवं जागरूक किया जायेगा।
प्रशिक्षक अजीम द्वारा बताया गया कि हीटवेव एक गंभीर चुनौती है, और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से हमने स्कूल स्टाफ और छात्रों को आगामी चुनौतियों के लिए तैयार करने का अभियान आरम्भ किया है, ताकि वे आपात स्थिति में सही कदम उठा सकें और समुदाय को भी जागरूक करें।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले एक स्कूल के प्राचार्य ने कहा, यह प्रशिक्षण बहुत उपयोगी रहा। हमें अब गर्मी की लहरों से निपटने के लिए बेहतर रणनीतियां और सुरक्षा उपाय समझ आ गये हैं हम इसे अपने स्कूल में लागू करेंगे। यह प्रशिक्षण जिला स्तर पर हीट एक्शन प्लान एच ए पी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे ताकि हापुड़ जिले को हीट वेव जैसे प्राकृतिक आपदाओं से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम बनाया जा सके। इस पहल से न केवल स्कूलों में सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी गर्मी से संबंधित जोखिमों के प्रति जागरूक किया जा सकेगा। जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों से अपील की है कि वे इन दिशा निर्देशों को लागू करें और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।