जनपद हापुड़ के केयर और ट्रीटमेंट से हापुड़ समेत मेरठ मंडल के चार जिलों के 132 एचआईवी पॉजिटिव दंपति के घरों में स्वस्थ बच्चों की किलकारियां गूंजी हैं।
एचआईवी की पुष्टि के बाद जनपद के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की काउंसलिंग की जाती है। साथ ही पॉजिटिव मरीजों का उपचार शुरू कराया जाता है। यहां हापुड़ जिले में 2020 से अब तक 41 गर्भवती महिलाओं में एचआईवी की पुष्टि हुई है।
इनमें सतर्कता से 36 महिलाओं की डिलीवरी की गई। डिलीवरी के बाद 18 महीने तक लगातार बच्चों की देखरेख की गई। केयर और ट्रीटमेंट से हापुड़ में 10 बच्चों को स्वस्थ बचाया गया।
जनपद हापुड़ में एचआईवी एड्स सोसायटी यूपीएनपी प्लस के प्रोजेक्ट ऑफिसर संदीप कुमार बताते हैं कि एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी के 72 घंटे के अंदर पैदा हुए बच्चों को नेविरापीन सिरप पिलाया जाता है।
यह सिरप बच्चे को तीन महीने तक पिलाया जाता है। छह महीने, 12 महीने पूरा होने पर भी बच्चे का एंटी बॉडी टेस्ट किया जाता है। फिर 18 महीने पूरे होने पर बच्चे स्वस्थ घोषित होते हैं।
हापुड़, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ इन चार जिलों में 132 एचआईवी पॉजिटिव दंपति के घरों में स्वस्थ बच्चों की किलकारियां गूंजी हैं।
हापुड़ एसीएमओ-डॉ प्रवीन शर्मा ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के घरों में स्वस्थ बच्चों की किलकारियां गूंज रही हैं। नियमित रुप से केयर और ट्रीटमेंट के बाद बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव होने से बचाया जा रहा है। एचआईवी पॉजिटिव मरीज एआरटी सेंटर की दवाईयों का नियमित सेवन करें।