हापुड़ के मौसम में बदलाव के साथ ही जिले में हवा की सेहत फिर खराब होने लगी है। पिछले एक सप्ताह से जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के आसपास बना हुआ है। लेकिन बुधवार को यह 301 पहुंच गया। इसका कारण आसपास के राज्यों में जलाई गई पराली और मौसम में बदलाव बताया जा रहा है। ऐसे में सुबह की सैर करना सेहत के लिए खतरनाक है।
एक बार फिर वायू प्रदूषण का दौर जारी है। हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव हुआ है। दिन में तेज धूप और गर्मी भले ही बरकरार हो, लेकिन सुबह-शाम और रात में ठंडक हो रही है। बुधवार को जिले का एयर कंट्रोल इंडेक्स (एक्यूआई) 301 दर्ज किया गया। जबकि एक माह पहले यही एक्यूआई केवल 50 के आसपास चल रहा था।
प्रदूषण बढ़ने के कारण बुधवार को दिनभर आसमान में धुंध छाई रही। लोगों को अभी से सांस लेने में परेशानी, बाहर निकलने वाले लोगों को आंखों में जलन भी महसूस हुई। हवा की गुणवत्ता खराब होने का एक और बड़ा कारण आसपास राज्यों में पराली जलाना है। अगले कुछ दिनों में जहां ठंडक बढ़ेगी, वहीं धुंध और पराली जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा।
डॉ. गौरव मित्तल का कहना है कि ऐसे मौसम में अस्थमा, एलर्जी, हृदय एवं रक्तचाप रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है। दरअसल, मौसम में बदलाव का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है। अगले कुछ दिनों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ सकती है, जो दिवाली के आसपास काफी अधिक होगी। कलक्ट्रेट स्थित प्रदूषण जांच केंद्र के प्रभारी सलमान राणा का कहना है कि मशीनों को अपग्रेड किया गया है। जिसके कारण प्रदूषण में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज हुई है।