हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले तीन लाख रोगियों का ब्योरा रखेगा। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए उनकी आईडी बनाई जा रही हैं। जिससे अच्छी सेवाएं भी मिल सकेंगी। इसमें टीबी के संदिग्ध मरीज भी शामिल किए जाएंगे। मौसम में बदलाव और संचारी रोगों के दौरान इन पर नजर रखी जाएगी। साथ ही महामारी के दौरान भी ऐसे मरीजों के अनुसार योजना तैयार की जाएगी।
60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। ऐसे मरीजों पर रोगों का खतरा अधिक रहता है। टीबी भी इन मरीजों को जल्द अपनी गिरफ्त में लेता है। विभाग अब 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, किडनी, लिवर संबंधी बीमारी, कैंसर, हेपेटाइटिस, एड्स जैसी बीमारी वाले लोगों को शामिल करते हुए आईडी तैयार कर रहा है।
प्राथमिकता से इनका एक्सरे और बलगम की जांच होगी। टीबी की रिपोर्ट निगेटिव आने पर निक्षय पोर्टल पर इसकी एंट्री की जाएगी। साथ ही मौसमी बीमारी के दौरान उन्हें बेहतर सुविधा मिल सकेगी। इसके तहत हाईरिस्क की श्रेणी में आ रहे करीब तीन लाख लोगों की प्राथमिकता से जांच हो सकेगी। ऐसे में टीबी का खतरा भी दूर होगा और जिले को टीबी मुक्त किया जा सकेगा।
ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त कराने की तैयारी :
जिले की पांच ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं, 40 से अधिक की सूची शासन में भेजी गई है। इन गांवों का सर्वे करने के लिए राज्य स्तर की टीम आएगी, जिसके बाद मानकों पर खरा उतरने के बाद इन गांवों को भी टीबी मुक्ति का प्रमाण पत्र मिलेगा।
ओपीडी में रोज आ रहे तीन से चार मरीज :
हापुड़ सीएचसी की ओपीडी में हर रोज तीन से चार मरीज टीबी पॉजिटिव आ रहे हैं। लंबे समय तक बुखार, खांसी बने रहना, कमर दर्द जैसे लक्षणों में टीबी निकल रहा है। बहुत से मरीजों की रीढ़ में भी टीबी मिल रहा है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए उनकी आईडी बनाई जा रही हैं। ऐसे मरीजों पर नजर रखी जा सकेगी, उन्हें अच्छी सेवाएं भी मिल सकेंगी।