हरियाली तीज एक वार्षिक त्योहार है जो श्रावण के पवित्र महीने में शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) के तीसरे दिन आयोजित किया जाता है। यह त्यौहार हर साल जुलाई या अगस्त के महीने में आयोजित किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो मुख्य रूप से उत्तरी भारत में मनाया जाता है।
शादीशुदा महिलाओं को हरियाली तीज का बेसब्री से इंतजार होता है। इंतजार की वो घड़ी खत्म हुई, क्योंकि आज हरियाली तीज है। इस पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व है। आज के दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीघार्यु के लिए व्रत रखती हैं। अखंड सौभाग्य पाने के लिए मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। उनसे सदा सुहागिन बने रहने, अपने घर-परिवार की सुख-शांति, समृद्धि को बनाए रखने की मनोकामना करती हैं।
कुल तीन तीज हैं। पहला है हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज अन्य दो हैं। हरियाली तीज नाम का तात्पर्य उस हरियाली से है जो मानसून के मौसम में छाई रहती है। हरियाली तीज देवी पार्वती को समर्पित है, जो एक सुहागन का प्रतीक है।
सावन के महीने में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए हरियाली तीज का निर्जला व्रत रखती हैं। और वैवाहिक सुख के लिए देवी पार्वती और भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं। कुछ स्थानों पर, अविवाहित लड़कियाँ अपनी पसंद का पति पाने के लिए व्रत रखती हैं।
इस दिन शादीशुदा महिलाएं हरे रंग के कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करती हैं और अपनी सखियों के साथ मिलकर झूला झूलती हैं। इस त्योहार को महिलाएं बड़े उत्साह के साथ मनाती हैं। इस दिन लोग अपनी सहेलियों, परिजनों और रिश्तेदारों को हरियाली तीज की बधाईंया भी देते हैं।