सावन की जिक्र हो और घेवर गुझियों का जिक्र न हो, ऐसा संभव नहीं है। इस बार सावन दो महीने का है, लेकिन गुझिया और घेवर की महक अभी से आनी शुरू हो गई है। मिठाई दुकानदारों ने विशेष आफर निकाले हैं। तरह-तरह की गुझिया और घेवर बाजार में मौजूद हैं। बाजार में घेवर और गुजिया की मांग अब कम है, लेकिन आने वाले दिनों में और बढ़ेगी।
हरियाली तीज आस्था, प्रेम, सौंदर्य व उमंग का त्यौहार है। तीज को मुख्यतः महिलाओं का त्यौहार माना जाता है। यह पर्व महिलाओं की सांस्कृतिक मान्यताओं का प्रतीक है। सावन माह में मनाया जाने वाला हरियाली पर्व दंपतियों के वैवाहिक जीवन में समृद्धि, खुशी और तरक्की का प्रतीक है। तीज का त्यौहार भारत के कोने-कोने में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।
हरियाली तीज के मौके पर खासकर बेटियों के ससुराल में सिंदारा भिजवाया जाता है। सावन माह में सास, नंद और बेटियों को अपनी-अपनी मान्यताओं के हिसाब से हरियाली तीज पर सिंधारा दिया जाता है। इसमें घेवर, सोलह श्रंगार का सामान, फैनी, गुजिया, मीठी मटरी आदि को शामिल किया जाता है। कई जगहों पर तीज त्योहार से पहले ही सिंधारा पहुंचना शुरू हो जाता है।
विवाहित महिलाओं के पहले सिंधारे पर इसकी मांग ज्यादा रहती है। यही कारण है कि मिठाई विक्रेताओं के पास आर्डर आने शुरू हो गए हैं। हापुड़ में कुछ दुकानें इसके लिए मशहूर हैं। उन दुकानों पर कारीगर मिठाइयां बनाने में जुटे हैं।