हापुड़ शहर में रक्षाबंधन पर पतंगबाजी को लेकर युवाओं में खासा क्रेज दिखा। बहनों से कलाई पर रेशम की डोर बंधवाने के बाद भाइयों ने पतंग की डोर थाम ली। धूप भी पतंगबाजी का उत्साह कम नहीं कर सकी। दिनभर आकाश में तिरंगा, मोदी योगी पतंग उड़ती दिखी।
इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने को लेकर चाहे असमंजस पैदा हुआ हो लेकिन यह असमंजस पंतगबाजी के शौकीन बच्चों व युवाओं के लिए दोगुनी खुशी लेकर आया। उन्हें दो दिन पतंग उड़ाने का मौका मिला। शहर की हर गली, बाजार, मोहल्ले से आवाजें गूंजती रहीं। जिसने पतंग काटी वो मस्ती में झूम कर उत्साहित हुआ तो जिसकी पतंग कटी, वह फिर से दूसरी पतंग को हवा में उड़ा अपनी हार का बदला लेने का प्रयास करता नजर आया। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से पटा हुआ नजर आया।
शहर में रक्षाबंधन पर पतंगबाजी की परंपरा काफी पुरानी है, जो जन्माष्टमी तक चलती है। बृहस्पतिवार को सुबह से ही युवा और बच्चे घरों की छतों पर पहुंच गए। शायद ही कोई ऐसा घर बचा होगा, जिसकी छत पर लोग पतंगबाजी न करते दिखाई दिए हों। युवाओं ने छतों पर म्यूजिक सिस्टम भी लगाए थे।
पुराने शहर में सबसे अधिक पतंगबाजी दिखाई दी। घरों की छतों पर को कन्नी बांधता नजर आया तो कोई चरखी लपेटता हआ। हरे पेच के साथ अपनी हार जीत का जश्न मनाया। जिसने पतंग काटी वो मस्ती में उत्साहित हुआ और जिसकी पतंग कटी वह फिर से दूसरी पतंग हवा में उड़ाकर अपनी हार का बदला लेने का प्रयास करता नजर आया।
आसमान में तिरंगा, मोदी-योगी की पतंगें खूब उड़ती दिखीं। चिलचिलाती धूप की परवाह किए बिना ही युवा पतंगबाजी का मजा उठाते नजर आए। शाम के समय धूप कम होने के बाद बच्चें और महिलाएं भी छतों पर पहुंच गई और पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। फ्रीगंज रोड स्थित पतंग स्टोर संचालक राजू ने बताया कि रक्षाबंधन पर पतंगबाजी को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही थी।