हापुड़ में नगर पालिका की आय पिछले तीन साल में बढ़ने की बजाए उल्टा घट गई है। पालिका की जितनी आय घटी है। उतना ही अधिक व्यय बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2023-24 में करीब तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इससे शहर में होने वाले विकास कार्य भी प्रभावित हुए हैं। बड़ी वजह यह है कि गृह, जल और सीवर कर के अलावा करोड़ों का जल मूल्य लोगों पर बकाया है। इन पर पालिका का बड़ा बकाया है।
शासन के आदेश हैं कि नगर पालिकाएं अपने आय के स्रोत स्वयं बढ़ाए। जिससे कि भविष्य में नगर निकायों को शासन के ऊपर निर्भर न होना पड़े। इसके बाद भी पालिका के कर विभाग के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। शासन ने प्रदेश के नगरीय निकायों की वित्तीय क्षमता कीसमीक्षा और राजस्व के संसाधनों की कार्य-क्षमता के निर्धारण को लेकर वित्तीय वर्ष 2021-22 से लेकर 2023-24 तक की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें पालिका द्वारा कर वसूली में बरती जा रही लापरवाही उजागर हुई है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार पालिका की आय तीन करोड़ (नुकसान) कम हुई है।
नगर पालिका द्वारा शहरवासियों से गृह, जल व सीवर कर के अतिरिक्त जल मूल्य वसूला जाता है। जो कर की श्रेणी में आता है। जबकि, कर करेतर में जुर्माना, भवनों से किराया, लाइसेंस की फीस, टेंडरों से होने वाली आय व फीस आदि से वसूली को इस श्रेणी में रखा जाता है। कर के मामले में वर्ष 2021-22 से लेकर 2023-24 तक पालिका ने करीब तीन करोड़ कम की वसूली की है। जबकि, कर करेत्तर में 2022-23 में आय में बढ़ोतरी जरूर हुई थी, लेकिन 2023-24 में यह आंकड़ा फिर से घट गया। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2024-25 का कोई आंकड़ा अभी जारी नहीं हुआ है।
शहर में पालिका द्वारा करीब 37 हजार भवनों से कर वसूला जाता है, इसमें से करीब पांच हजार भवन स्वामी ऐसे हैं। जिन्होंने पांच-पांच साल तक से टैक्स जमा नहीं किया है। इन पर पालिका का बड़ा बकाया है।
सरकारी विभागों पर करोड़ों का बकाया नगर पालिका का सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपये का गृह, जल और सीवर कर बकाया है। इस आंकड़े को अधिकारी छिपा रहे हैं। इन विभागों से पालिका पिछले कई साल से वसूली नहीं कर पा रही है।
ईओ व डिप्टी कलक्टर मनोज कुमार- ने बताया की कर करेत्तर में अभी शासन से कुछ स्टांप नहीं मिला है। स्टांप की धनराशि मिल जाएगी तो आय भी बढ़ेगी। वर्ष 2024-25 का आंकड़ा अप्रैल में जारी होगा। निश्चित ही इससे पालिका की आय डेढ़ गुना बढ़ी होने का फर्क मिलेगा।