हापुड़ में नगर पालिका में जल मूल्य से जुड़ी करीब 15 हजार फाइल न मिलने की बात सामने आई। 15 हजार पानी के कनेक्शन से संबंधित फाइलें न मिलने के बाद विवाद पैदा हो गया है। कर्मचारियों से फाइलों को लेकर जानकारी करने पर कोई सही जवाब सामने नहीं आया है। कर और जलकर विभाग के कर्मचारी एक-दूसरे पर फाइलें होने का आरोप लगा रहे हैं। यह फाइलें शहरवासियों पर करोड़ों का बकाया जल मूल्य वसूलने के लिए मिलना बहुत अधिक जरूरी है।
मामले की गंभीरता के बाद जलकर विभाग के सहायक अभियंता ने शुक्रवार को कर विभाग के कर्मचारियों से फाइलों को लेकर जानकारी की, लेकिन कोई सही जवाब सामने नहीं आया है। पालिका के कर विभाग में करीब 37 हजार भवन दर्ज हैं। इनसे पालिका हर वर्ष चार तरह से टैक्स लेती है, इसमें गृह कर, जल कर, सीवर कर और जल मूल्य शामिल है।
गृह, जल और सीवर कर को एक साथ वसूला जाता है। जबकि, जल मूल्य को अलग से वर्षानुसार लिया जाता है। वर्तमान में 20 हजार से अधिक भवन स्वामियों पर पालिका का करोड़ों रुपये जल मूल्य बकाया है। पिछले दिनों एक रिपोर्ट नगर के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई थी, इसमें जल मूल्य के लिए मात्र 22 हजार भवनों की संख्या ही दिखाई गई। जबकि, रिपोर्ट में 37 हजार भवन शामिल होने चाहिए थे।
इस जानकारी में ही 15 हजार फाइल न मिलने की बात सामने आई। कर विभाग के मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि वह रजिस्टर में दर्ज डाटा से जल मूल्य वसूल रहे हैं। फाइलों की जिम्मेदारी जलकल विभाग के लिपिक की है।
ईओ व डिप्टी कलक्टर मनोज कुमार- ने बताया की फाइलें नगर पालिका के रिकार्ड में ही होंगी। फाइलों की तलाश कराई जा रही है। रजिस्टर में हमारे पास वसूली के लिए जानकारी दर्ज है।