हापुड़ में बोगस फर्म और फर्जी बिल बनाकर टैक्स चोरी पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बाद ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में पंजीयन होगा। इसके लिए राज्य कर विभाग कार्यालय में जल्द ही पंजीयन प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ अभिलेखों का सत्यापन होगा, इसके बाद ही जीएसटी नंबर जारी होगा।
जीएसटी लागू होने के बाद से प्रत्येक वर्ष जीएसटी फर्मों और कर संग्रह में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य कर विभाग में प्रत्येक माह औसतन 300 नई फर्मों का पंजीकरण होता है। अभी तक ऑनलाइन आवेदन करने के बाद ही जीएसटी पंजीयन नंबर जारी कर दिया जाता था। विभाग द्वारा हाई वेल्यू ई-वे बिल की जांच भी की जाती है। लेकिन बोगस फर्म फर्जी बिलों के जरिए टैक्स में हेरफेर कर आईटीसी क्लेम कर विभाग को चूना लगा रहे हैं।
लेकिन अब बायोमेट्रिक आधारित प्रमाणीकरण की नई व्यवस्था शुरू होने के बाद फर्जी फर्मों पर अंकुश लग सकेगा। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद फर्म संचालक को अभिलेख का सत्यापन कराने के लिए राज्य कर विभाग आना होगा। जहां विभागीय अधिकारी बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण और अभिलेखों सत्यापन करेंगे। सब कुछ सही पाने पर ही जीएसटी पंजीकरण होगा।
जिला राज्य कर प्रभारी/उपायुक्त लालचंद्र- ने बताया की फर्म संचालक के ऑनलाइन आवेदन करने के बाद फर्म संचालकों को पंजीयन प्रकोष्ठ आना होगा। जहां विभाग के अधिकारी बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ अभिलेखों का सत्यापन करेंगे, सब कुछ सही पाने पर ही जीएसटी पंजीकरण होगा। कार्यालय में पंजीयन प्रकोष्ठ की स्थापना के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। बायोमेट्रिक आधारित प्रमाणीकरण की नई व्यवस्था शुरू होने के बाद फर्जी फर्मों पर अंकुश लग सकेगा।