जनपद हापुड़ के पिलखवा अचपलगढ़ी गांव में गंदगी और फैक्टरियों ने निकलने वाला केमिकल युक्त पानी से भूजल दूषित हो रहा है। जिसके कारण बच्चे संक्रामक बीमारी की चपेट में आ रहे है। शिकायत के बाद भी कार्यवाही न होने से लोगों में रोष है।
शहर से सटे अचपलगढ़ी गांव के मार्ग और आसपास चादर की धपाई, रंगाई एवं धुलाई के कई कारखाने एवं फैक्टरी संचालित है। जिनमें से अधिकांश बिना मानक संचालित है। फैक्टरियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी बिना ट्रीट किए नाले में बहाया जा रहा है। जिसके कारण आसपास का भूजल दूषित हो रहा है। इससे क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की बीमारी पनप रही है।
इसके अलावा गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे है। भूगर्भ जल प्रदूषित होने के कारण ग्रामीण एवं बच्चे बीमार हो रहे है। वर्तमान में शिवांश, ऋषभ, रोबिन समेत अन्य बीमारी से ग्रस्त है।
ग्रामीणों का कहना है कि फैक्टरियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी नाले में बहने की कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है। लेकिन उनके द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
केमिकल का इस्तेमाल करने वाली कई फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्रियों में केमिकल युक्त पानी से भूगर्भ दूषित हो रहा है। साथ ही कई फैक्ट्रियों से केमिकल युक्त पानी को बहा दिया जाता। केमिकल युक्त पानी को बिना ट्रीट किए सीधे नालों में बहा दिया जाता है। इस पानी में मरकरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। जिस कारण भूजल जल प्रदूषित होता है। साथ ही उसे पीने पर कैंसर जैसी घातक बीमारी को होने का खतरा होता है।
एसडीएम संतोष उपाध्याय ने बताया कि केमिकल युक्त पानी नाले में बहने और गांव में कूड़े के ढेर लगे होने का मामला संज्ञान में नही है। मामले की जांच कराकर दोषी फैक्टरी संचालकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।