जनपद हापड़ में जिले के 13 निजी प्राइवेट अस्पताल ने 11 हजार सरकारी कर्मचारियों का पाडत दीन दयाल उपाध्याय कैशलेस योजना के तहत चिकित्सा सुविधा देने से इन्कार कर दिया है। ऐसा करके प्राइवेट अस्पताल आदेशों का उल्लंघन कर रहे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। डीएम ने योजना की अनदेखी पर सख्त कार्यवाही के भी आदेश दिए गए हैं।
दीन दयाल उपाध्याय कैशलेस योजना के तहत लाभ मिलना है, आयुष्मान योजना के पैनल में जिले के 13 प्राइवेट अस्पताल हैं। शासन का आदेश है कि जो अस्पताल आयुष्मान के पैनल में शामिल हैं, वह सरकारी कर्मचारियों को भी दीन दयाल उपाध्याय कैशलेस योजना में पांच लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार दें। अस्पताल आयुष कार्डों पर तो इलाज दे रहे हैं, लेकिन दूसरी योजना को स्वीकार नहीं कर रहे।
करीब 11 हजार सरकारी कर्मचारी इलाज के लिए भटक रहे हैं, मामला संज्ञान में आने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीएमओ द्वारा इन अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया। लेकिन अस्पतालों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब मामला डीएम तक पहुंच गया है, सोमवार को जिला मुख्यालय सभागार में डीआरजीसी की बैठक हुई। जिसमे यह मुद्दा उठाया गया है। इसमें शासनादेश का हवाला देकर डीएम ने अस्पतालों को अंतिम चेतावनी दी है। योजना की अनदेखी पर सख्त कार्यवाही के भी निर्देश दिए गए हैं।
जिले में पेंशनर्स की संख्या हजारों में है, लेकिन इन्हें भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना के तहत पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस इलाज का लाभ नहीं मिल रहा है। आए दिन ऐसे लोग सीएमओ कार्यालय में शिकायत कर रहे हैं।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी ने बताया की जिले के प्राइवेट अस्पताल शासन के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं। शासन का स्पष्ट आदेश है कि जो अस्पताल आयुष्मान पैनल में शामिल हैं। वह पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त पेंशनर्स को कैशलेस इलाज दें, जो अस्पताल इस आदेश को नहीं मान रहे हैं। उन्हें नोटिस जारी किया गया है।