हापुड़ जिले में पराली के बदले गोशालाओं से गोबर देने की योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। पशुपालन विभाग योजना की सफलता को लेकर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका है। पराली प्रबंधन योजना को लेकर करीब 10 दिन पहले नए आदेश जारी होने के बाद भी जिले में स्थिति बेहद खराब है।
वायु प्रदूषण (Air Pollution) के कारण लगातार शहर का दम घुट रहा है। पराली जलाना शहर में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। लगातार पराली जलने से होने वाले प्रदूषण को कम करने और इसके सही प्रयोग के लिए प्रदेश सरकार ने इसी माह नई योजना की शुरूआत की थी, जिससे पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगेगी। इस योजना का नाम है ‘पराली दो-खाद लो’।
योजना के तहत किसानों से पराली लेकर उन्हें सरकारी गोशालाओं से खाद बनाने के लिए गोबर दिया जाना है। इसकी जिम्मेदारी पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दी गई थी, लेकिन किसी किसान ने योजना में अब तक भाग नहीं लिया है। ऐसे में पराली के बदले गोबर देने की योजना की परवान नहीं चढ़ सकी।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि योजना को लेकर ग्राम प्रधानों और किसानों से संपर्क किया गया है। बहुत जल्द योजना को लेकर अच्छे परिणाम सामने आएंगे।