जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर नगर में तैयार मूढ़ा, कुर्सी समेत अन्य उत्पाद ऑनलाइन तरीके से भी बेचा जा रहा है। ऑनलाइन विभिन्न साइटों पर इसके अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। आसपास के जनपदों समेत विभिन्न राज्यों और विदेशों तक गढ़ का हस्तशिल्प पहुंच रहा है। जो यहां के करीब 200 परिवारों के लिए रोजगार का मुख्य साधन है।
गंगानगरी गढ़-ब्रजघाट की प्रमुखता में मां गंगा के साथ ही यहां का मूढ़ा और चटाई कारोबार भी शामिल है। सैंटा, रस्सी, रैक्सीन से बनने वाले इस उत्पाद से भी गढ़ को जाना जाता है। नगर के मोहल्ला अहाताबस्ती राम, मीरा रेती, सुभाष गेट पर 200 से अधिक घरों में मूढा, सैंटे की मेज व अन्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। हां पर बनने वाले मूढे, मेज, पालना समेत अन्य सामान की अधिक बिक्री के लिए युवा विभिन्न शापिंग साइटों के माध्यम से इनकी बिक्री कर रहे है।
पढ़ाई के साथ ही कई युवा अपने परिवार के लोगों के साथ मिलकर मूढ़ा तैयार करते हैं। जिससे होने वाली कमाई से अपनी पढ़ाई समेत अन्य खर्च उठा रहे हैं। ऐसे दर्जनों युवा इस कारोबार से जुड़े हैं। आज के दौर में मूढ़े का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है, बड़ी-बड़ी कोठियों, फार्म हाउस, होटलों समेत अन्य स्थानों पर मूढ़े दिखाई देते हैं। जिसका अहम कारण ऑनलाइन बिक्री भी है। यहां का बना मूढ़ा भारत वर्ष ही नहीं विदेशों में भी बसे लोगों की बैठकों और कोठियों की शान बनता है।