हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे के गांवों में अब बागवानी होगी। इसके लिए पांच किलोमीटर के क्षेत्र को चिन्हित किया गया है। लगभग 100 हेक्टेयर भूमि में बागवानी से गंगा के किनारे को हरा-भरा बनाया जाएगा।
गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए शासन की ओर से कई योजनाए संचालित की जा रही है। इसमें नमामि गंगे योजना भी शामिल है। साथ ही कृषि विभाग के जरिए रायनिक उर्वरकों का प्रयोग रोकने के लिए जैविक खेती कराई जा रही है। ऐसे में अब गंगा किनारे हरीयाली और किसानों की आमदनी बढ़ने के लिए बागवानी कराई जाएगी।
गंगा किनारे बसे गांवों के किसान बागवानी कर हरियाली लाने के साथ ही आमदनी भी बढ़ा रहे हैं। इन किसानों को बागवानी पर आने वाले खर्च का आधा हिस्सा ही वहन करना पड़ रहा है। क्योंकि सरकार आधा अनुदान मुहैया करा रही है। इस बार जिले में गंगा किनारे स्थित गढ़मुक्तेश्वर तहसील के 10 गांवों में अनुदान देकर 100 हेक्टेयर बागवानी कराई जाएगी।
वर्ष 2021,2022, 2023 के शेष हेक्टेयर को जोड़कर यह लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए किसानों से सहमति ली जा रही है। पिछले वर्षों में भी किसानों ने अनुदान देकर बागवानी की है। किसानों के रुचि दिखाने पर परंपरागत धान, गेहूं की फसल के साथ ही यह बागवानी कराई जाएगी।
डीएफओ प्रमोद श्रीवास्तव- ने बताया की बारिश के समय में पौधे आदि लगाए जाएंगे। इसके लिए ग्रामीणों से कई स्तर पर बातचीत चल रही है।