गढ़मुक्तेश्वर | बाढ़ के बाद अब गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा है, लेकिन इसके प्रभाव ग्रामीण जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। सोमवार शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर घटकर 199.31 मीटर पर पहुंच गया, जो रविवार के मुकाबले 11 सेंटीमीटर कम है।
🥀 बर्बादी की फसलें और भूखे पशु
खादर क्षेत्र के जंगलों में पॉलेज और सब्जी की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही बाढ़ के कारण पशुओं के लिए चारे का संकट भी गहराता जा रहा है। बाढ़ के पानी ने खेतों को बर्बाद कर दिया और अब गांवों में भूख और बेबसी की स्थिति बन रही है।
🧑🌾 एक किसान ने बताया: “महीनों की मेहनत पलक झपकते बर्बाद हो गई। अब ना चारा बचा है, ना सब्जी।”
⚡ बिजली गुल, संचार व्यवस्था ठप
बिजली विभाग ने हादसे की आशंका के चलते गांवों की बिजली काट दी है, जिससे ग्रामीण घुप्प अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं। इन्वर्टर और मोबाइल चार्ज न होने से संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। लोग बाहरी दुनिया से कट चुके हैं।
🔥 अंतिम संस्कार तक में मुश्किल
गंगा किनारे स्थित श्मशान घाटों तक पहुंचने में भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अंतिम संस्कार जैसी जरूरी क्रियाएं भी प्रभावित हो रही हैं, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश और पीड़ा है।
🚨 बाढ़ के बाद की स्थिति चिंताजनक
बिजनौर बैराज से छोड़े गए पानी के बाद गंगा किनारे बसे गांवों में अभी भी कीचड़, दुर्गंध और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। स्वास्थ्य व बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं अब भी बहाल नहीं हो सकी हैं।
📌 मुख्य बिंदु:
- गंगा का जलस्तर घटकर 199.31 मीटर हुआ
- पॉलेज और सब्जियों की फसल बर्बाद
- पशुओं के लिए चारे की भारी किल्लत
- बिजली कटने से ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त
- मोबाइल, इन्वर्टर नहीं चलने से संचार व्यवस्था ठप
- अंतिम संस्कार में भी हो रही दिक्कतें