जनपद हापुड़ के ब्रजघाट में दो दिन तक जलस्तर कम होने के बाद बृहस्पतिवार को फिर से गंगा का जलस्तर 24 सेंटीमीटर बढ़ गया है। जलस्तर बढने से खादर क्षेत्र के ग्रामीणों को दोबारा से बाढ़ की आशंका सताने लगी है। वहीं प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
बुधवार को गढ़-ब्रजघाट में गंगा का जलस्तर स्थिर बना रहा। लेकिन पहाड़ों पर बारिश होने और बिजनौर बैराज से पानी डिस्चार्ज होने के कारण जलस्तर बढ़ने लगा है।बृहस्पतिवार को जलस्तर में 20 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद देर शाम तक चार सेंटीमीटर की बढ़ोतरी और दर्ज की गई। बाढ़ नियंत्रण कक्ष मेरठ के अनुसार बृहस्पतिवार की सुबह जलस्तर 198.57 मीटर के निशान पर था, जो शाम छह बजे 198.61 मीटर (समुंद्र तल से) तक पहुंच गया। वहीं बिजनौर बैराज से बृहस्पतिवार को दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो शुक्रवार को गढ़-ब्रजघाट क्षेत्र में पहुंचेगा, जिससे जलस्तर में और अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है। जिसको लेकर प्रशासन सतर्क है।
खादर क्षेत्र के ग्रामीणों का ‘कहना है कि पिछले दिनों हुई जलस्तर में बढ़ोतरी के दौरान भरा पानी अभी भी आबादी के पास और खेतों में भरा हुआ है। जिससे किसानों और ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। गंगा का जलस्तर बढने से कच्चे घाटों पर रखे तख्त डूबने लगे हैं। वहीं ब्रजघाट में आने वाले कांवडिय़ों की सुरक्षा को भी खतरा बन गया है।
एसडीएम साक्षी शर्मा ने बताया कि जलस्तर अभी येलो अलर्ट के निशान से काफी नीचे है। इसके बावजूद भी सतर्कता बरती जा रही है। बाढ़ चौकियां जलस्तर की निगरानी कर रहीं है। वहीं ब्रजघाट में कांवडिय़ों की सुरक्षा के लिए पालिका के नाविक और गोताखोरों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।