हापुड़ में गंगा एक्सप्रेसवे किनारे गढ़ में चिन्हित भूमि पर औद्योगिक गलियारे की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए शासन से 50 करोड़ रुपये जारी हुए थे, जिसके बाद से किसानों के बैनामे भी शुरू हो गए हैं। जिसकी एवज में किसानों के 7.42 करोड़ का मुआवजा दिया गया है। शासन ने बैनामे की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा गढ़ में गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। यहां करीब 900 किसानों की 118 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है।
शासन ने फरवरी के पहले सप्ताह में 25 करोड़, मार्च के पहले सप्ताह में आचार संहिता लगने से भी 25 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। जिसके बाद से बैनामे की प्रक्रिया जारी है। औद्योगिक गलियारे के लिए 20 किसानों के 53 बैनामे किए जा चुके हैं। गांव बाहपुर ढेहरा, चचावली व बहना सदरपुर की जमीन में औद्योगिक गलियारा बन रहा है।
औद्योगिक गलियारे के साथ गंगा एक्सप्रेसवे के अन्य हिस्सों में भी कार्य रफ्तार पकड़ रहा है। गंगा पुल के पिलरों का निर्माण तेज हो गया है। अधिकारियों की माने तो यहां 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मेरठ से प्रयागराज केवल 8 घंटे में पहुंचने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें। ऐसे में संभव है कि मेरठ से प्रयागराज का सफर इससे भी कम समय में ही पूरा हो जाए। यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे होगा लेकिन इसे जरूरत पड़ने पर 8 लेन तक चौड़ा किया जा सकता है।
एडीएम संदीप सिंह- ने बताया की औद्योगिक क्षेत्र की भूमि के लिए बैनामे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बजट जारी होने के बाद इसमें तेजी आई है। जहां तक हाईवे के अन्य हिस्सों की बात है, वहां भी कार्य में तेजी के निर्देश हैं और कार्यदायी संस्था लक्ष्य के हिसाब से कार्य कर रही है।