हापुड़। जिले के 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग वृद्धा पेंशन के लिए विकास भवन में भटक रहे हैं। वृद्धा पेंशन कक्ष (रूम नं. 7) के बाहर—भीँड़ और कुर्सी की भारी कमी के बीच—उन्हें कई-कई मिनट खड़े होकर प्रतीक्षा करनी पड़ रही है, बावजूद इसके कई बुजुर्ग निराशा हाथ लौट रहे हैं।
मुख्य शिकायतें:
- सत्यापन में गलतियाँ: कुछ बुजुर्गों को मृत दिखा दिया गया, जबकि कई के नाम ही काट दिए गए।
- दस्तावेजों की मनमानी माँग: हर बार अलग–अलग दस्तावेज जमा कराने को कहा जाता है—एक ही समस्या का दौरा कई दिनों तक चलता रहता है।
- बैठने की असुविधा: सिर्फ एक कुर्सी की व्यवस्था के चलते बुजुर्गों को खड़े रहना पड़ता है।
वृद्धा पेंशन की मुख्य जानकारी:
- लाभार्थी संख्या: लगभग 11,800 बुजुर्ग
- राशि: ₹1,000/माह (वर्तमान में तीन माह की किस्त एक साथ)
- सत्यापन समस्याएँ: 500 से अधिक मामलों में आधार कार्ड व बैंक खाते का डेटा मेल नहीं खाता था (कुछ दिन पहले यह संख्या 600+ थी)
प्रशासनिक पहल:
- सत्यापन के दौरान ग्राम-पंचायत अधिकारियों की लापरवाही उजागर—एक पंचायत अधिकारी को निलंबित किया गया।
- जिनका डेटा सही कराया गया, उन्हें पेंशन मिलना शुरू हो गई है।
- डीएसडब्ल्यूओ (जिला समाज कल्याण अधिकारी) शिवकुमार ने आश्वासन दिया: “यदि किसी बुजुर्ग को अभी भी पेंशन में समस्या हो रही है, तो हमें सूचित करें—फौरन समाधान कराएंगे।”