जनपद हापुड़ में बिजली बिलों में फर्जीवाड़ा चल रहा है, पोर्टल और ऑनलाइन की राशि में पांच गुना अंतर है। लेकिन भटकते उपभोक्ताओ की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
ऊर्जा निगम से जारी बिलों में फर्जीवाड़ा हो रहा है। कैश काउंटर के पोर्टल और साइट से निकलने वाले बिलों में काफी अंतर है। साल दर साल यूनिट का हिसाब लगाए तो बिल गलत बन रहे हैं। ऐसे ही कुछ मामलों में उपभोक्ता भटक रहे हैं। लेकिन उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा। विद्युत नियामक आयोग में भी यह शिकायत पहुंची है।
ददायरा के रहने वाले धर्मपाल शर्मा ने बताया कि अगस्त तक उसने करीब 2200 यूनिट की खपत की, इसके एवज में उससे करीब 22 हजार की वसूली की गई। जबकि देहात में प्रति यूनिट सिर्फ 3.5 रुपये शुल्क है। उसके बिलों में भी फर्जीवाड़ा हुआ है, मीटर रीडर और कैश काउंटर पर सितंबर महीने में दिखाया बिल 1511 रुपये था। जबकि ऑनलाइन बिल निकलवाने पर यह सिर्फ 364 रुपये था। दोनों के बीच बड़ा अंतर है, हर उपभोक्ता के साथ ही इस तरह की ठगी हो रही है।
गोहरा निवासी किसान लच्छू सिंह ने बताया कि उसके नलकूप के दो बिल खोल दिए गए हैं। जिसमें एक बिल 5.55 लाख और दूसरा बिल 5.49 लाख का आ रहा है। ढाई साल का यह बिल बनाया गया है। एक ही कनेक्शन पर ये दोनों बिल दिए जा रहे हैं। कार्यालयों के लगातार चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन बिल ठीक नहीं हो रहा है।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने बताया की बिलों में त्रुटियां संबंधी मामलों का संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही की जाएगी। उपभोक्ताओं का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। बिलिंग कंपनी को पहले भी पत्र भेजा गया है।