हापुड़ जिले में डेंगू बेकाबू होता जा रहा है। बुधवार को डेंगू के चार मरीज मिले, ऐसे मरीजों से अब अस्पतालों के वार्ड फुल होने लगे हैं। दर्जनों मरीज मेरठ, गाजियाबाद के अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम को 65 स्थानों पर लार्वा मिला, जिसे नष्ट कराया गया।
स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बावजूद डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जिले में डेंगू के चार मरीज मिलने से मरीजों की संख्या बढ़कर 86 पहुंच गई है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लैब में 35 संदिग्ध नमूनों की जांच कराई। इसमें चार मरीजों का एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आया।
मरीजों में खून की कमी हो रही है, जिसे पूरा करने के लिए रक्त चढ़ाना पड़ रहा है। इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पतालों के वार्ड फुल होने लगे हैं, गंभीर मरीजों को यहां से रेफर किया जा रहा है। यही कारण है कि अब बहुत से मरीज हापुड़ के बजाए सीधे मेरठ या गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं।
भाकियू के जिलाध्यक्ष पवन हूण के पुत्र को भी डेंगू हुआ है। उसका इलाज मेरठ के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। वहीं बुधवार को डीएमओ डॉ. सतेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने 167 घरों की जांच की। इसमें 163 कूलर, 358 गमले, 68 ड्रम, 45 टायर, 154 फ्रिज की ट्रे, 528 अन्य पात्रों की जांच की। इसमें 65 पात्रों में लार्वा मिला, जिसे नष्ट कराया गया। जिले में अब डेंगू के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 86 पहुंच गई है।
हापुड़ सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- का कहना है की बुखार होने पर लापरवाही न करें, खून की जांच कराएं। चिकित्सक के परामर्श से ही दवाएं लें, सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। मरीजों का ध्यान रखा जा रहा है।