हापुड़। थाना सिंभावली क्षेत्र में वर्ष 2022 में नाबालिग से हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने बुधवार को चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही सभी आरोपियों पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
एडीजे/पॉक्सो एक्ट प्रथम न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने यह फैसला सुनाते हुए पीड़िता को एक लाख रुपये मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।
फोटो वायरल करने की धमकी देकर किया दुष्कर्म
घटना की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि सिंभावली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 2022 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग बेटी चार–पांच माह की गर्भवती है। पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि राहुल नामक युवक ने उसे डरा-धमका कर कई महीनों तक दुष्कर्म किया।
राहुल ने अश्लील तस्वीरें खींचकर उन्हें वायरल करने की धमकी दी थी। इसी धमकी का फायदा उठाते हुए राहुल के साथी गौरव, मनवीर उर्फ मोनू और अजयवीर उर्फ अज्जू ने भी पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
चारों आरोपी भेजे गए थे जेल
पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद बुधवार को अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए आजन्म कारावास की सजा सुनाई।
आर्थिक दंड और पुनर्वास के आदेश
अदालत ने सभी चारों दोषियों पर 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और पीड़िता को मानसिक व सामाजिक पुनर्वास के लिए एक लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
निष्कर्ष:
न्यायालय का यह निर्णय नाबालिगों और महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को सख्त संदेश देता है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि समाज में डिजिटल ब्लैकमेलिंग के माध्यम से अपराधों का नया रूप उभर रहा है, जिससे निपटने के लिए प्रशासन और न्यायालय सतर्क हैं।