जनपद हापुड़ में ऊर्जा निगम का विवादों से पुराना नाता है। ऊर्जा विभाग के सरकारी नोटिस में से कुछ फर्जी पाए गए हैं जिसकी जांच शुरू हो गई है। गुरुवार को मेरठ से आई टीम ने इस संबंध में सबूत इकट्ठा करें हैं।
बिजली चोरी के मामले में उपभोक्ताओं को जारी किए जाने वाले सरकारी जुर्माना नोटिस (प्रपत्र- 4) में करोड़ों के फर्जीवाड़ा करने के मामले में बृहस्पतिवार को मेरठ से आई टीम ने साक्ष्य जुटाए। 30 से अधिक नोटिस ऐसे मिले हैं जिनमें निर्धारित जुर्माना राशि और पोर्टल पर जमा राशि के बीच छह से आठ गुना तक का अंतर है।
चर्चा है कि गोपनीय तरीके से आई टीम ने कुछ उपभोक्ताओं से भी पूछताछ की है। इस मामले में सात महीने में सिर्फ एक संलिप्त कर्मचारी पर कार्यवाही हुई है। जबकि इस पटल का कार्य देखने वाले जिम्मेदारों पर अधिकारी मेहरबान हैं।
जिले में लाइन लॉस कम करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। विजिलेंस ने सैकड़ों मामलों में एफआईआर दर्ज कराई है। इसके सापेक्ष डिवीजन कार्यालय से प्रपत्र-4 के जरिए उपभोक्ताओं को जुर्माना नोटिस भेजा जाता है। इस नोटिस में लाखों का जुर्माना बनाकर भेजा जाता है। साथ ही उपभोक्ता को अपना पक्ष रखने के लिए कार्यालय बुलाया जाता है। यहीं से गबन और अवैध वसूली का कार्य शुरू होता है।
उपभोक्ता को झांसे में लेकर उनसे जुर्माना नोटिस में अंकित राशि का आधा या तिहाई पैसा ले लिया जाता है इसके बदले शर्त यह भी रखी जाती है कि रसीद भले ही कितने रुपयों की दें इसके बारे में कहीं नहीं बताएंगे। विजिलेंस के मामला संज्ञान में आने पर जांच की, जिसमें 100 से अधिक नोटिस जब्त कर लिए गए।
इस मामले में पुलिस प्रवर्तन दल के सहायक अभियंता और प्रभारी उप निरीक्षक ने पुलिस महानिदेशक को भी पत्र भेजा था। बहरहाल, इस मामले में सात महीने बाद भी कोई खास कार्यवाही नहीं हुई है। बृहस्पतिवार को मेरठ से टीम साक्ष्य जुटाने आई। निगम के अधिकारियों ने बताया कि करीब 30 से अधिक नोटिस जुटाए गए हैं।
जिन्हें जांच के लिए टीम साथ ले गई है। वहीं, बता दें कि इस मामले में करोड़ों का घोटाला हुआ है, फिर भी कार्यवाही के नाम पर अधिकारी ढिलाई दे रहे हैं। सिर्फ एक कर्मचारी को एसई कार्यालय से अटैच किया गया है। ऐसे में अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने बताया की गढ़ डिवीजन में प्रपत्र- 4 नोटिस और पोर्टल पर राजस्व को लेकर चल रहे मामले में उच्चस्तरीय जांच चल रही है। मेरठ से टीम यहां जांच के लिए आती है, इस मामले में एक कर्मचारी को एसई कार्यालय से अटैच किया गया है। ऊपर से जैसे आदेश मिलेंगे, उसी तरह कार्यवाही होगी।