हापुड़ में बरसात और गर्मी में वायरल से मरीज तप रहे हैं। साथ ही पेट में संक्रमण, डायरिया से भी लोगों को जूझना पड़ रहा। बच्चों में डायरिया का असर अधिक है। जिला अस्पताल और सीएचसी की ओपीडी में 2863 मरीज आए। गंभीर रोगियों को भर्ती किया जा रहा। मच्छरजनित रोगों का खतरा भी मंडराने लगा है।
बदलते मौसम से लोग बीमार हो रहे है। सीएचसी और जिला अस्पताल में बुधवार को 2863 मरीजों ने पर्चा बनवाया। इसमें सबसे अधिक मेडिसिन विभाग के बाहर मरीज लाइन में लगे। फिजिशियन को दिखाकर दवा प्राप्त करने वालों में अधिकतर वायरल बुखार से पीड़ित थे। इसी तरह पेट में दर्द, उल्टी आदि से जूझ रहे मरीज भी पहुंचे।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि तापमान में उतार-चढ़ाव वाले मौसम में लोग वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं। ओपीडी में बुखार से पीड़ित 200 से ज्यादा मरीज आए, डायरिया के मरीज भी 50 से अधिक आए। उन्होंने बताया कि बुखार की चपेट में आने वाले मरीजों के लिवर पर भी सूजन मिल रही है। जिसके कारण कुछ भी खाते ही उन्हें उल्टियां लग रही हैं। पेट में दर्द मरीजों को परेशान कर रहा है। पानी की कमी मरीजों को और कमजोर कर रहा है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चों में डायरिया और वायरल बुखार अधिक मिल रहा है। साथ ही पेट में संक्रमण, डायरिया से भी लोगों को जूझना पड़ रहा। निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों तक में इन रोगों के मरीजों की भरमार है।
डीएमओ डॉ. सतेंद्र कुमार ने बताया कि बरसात में मच्छर पनपते हैं, मच्छरों के प्रजनन के स्थान को नष्ट कर दें। पानी को भरने नहीं दें। कूलर का पानी प्रतिदिन बदलते रहे। टूटे बर्तन, टॉयर, गड्ढा, फ्रिज की प्लेट आदि में लार्वा होने की संभावना रहती है। दवा का छिड़काव कराएं। मच्छरदानी का प्रयोग करने के साथ सुबह व शाम में फुल आस्तीन के कपड़े पहने।