हापुड़। दो पहिया और चार पहिया वाहन डीलर्स द्वारा बिना विशेषज्ञ के वाहनों का पंजीयन कराया जा रहा था। ऐसे में उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के निर्देश पर उप संभागीय परिवहन विभाग ने जनपद के सभी वाहन डीलर्स की 14 बिंदुओं पर जांच की।
प्राइवेट और व्यवसायिक वाहन शोरूम पर बिना विशेषज्ञ के वाहनों के पंजीयन, आदेश के बाद भी प्रदूषण जांच केंद्र, फाइलों के रख-रखाव और रेट डिस्पलें नहीं किए जा रहे थे। इसपर उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने जनपद में प्राइवेट और व्यवसायिक वाहन शोरूम की 14 बिंदुओं पर जांच कर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे।
इसमें चार पहिया वाहन शोरूम पर प्रदूषण जांच केंद्र (बीओसी), रेट डिस्पले बोर्ड, फाइलों के रख-रखाव, दो पहिया वाहन की बिक्री पर हेलमेट, दस लाख से ऊपर वाले वाहनों पर एक प्रतिशत एनजीटी टैक्स आदि की जांच होनी थी।
इसपर उप संभागीय परिवहन विभाग ने जनपद के 42 डीलर्स की जांच की। जांच में 16 प्राइवेट वाहन शोरूम डीलर्स में केवल एक डीलर के यहां प्रदूषण जांच केंद्र (बीओसी) पाया गया। जबकि 16 बिना प्रदूषण जांच केंद्र के शोरूम का संचालन कर रहे थे।
इसके अलावा 25 व्यवसायिक वाहन, जिसमें ई-रिक्शा, ऑटो और ट्रेक्टर की एंजेसी थी। इनकी भी विभाग ने जांच की। जांच में कई शोरूम संचालकों पर फाइलों का रख-रखाव नहीं था। जबकि कई जगह रेट डिस्पलें नहीं था। ऐसे वाहन शोरूम संचालकों को परिवहन विभाग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं।
एआरटीओ-अजीत कुमार श्रीवास्वत ने बताया कि जनपद के कुल 42 वाहन डीलर्स की जांच की जाएगी। इसमें 12 वाहन शोरूम पर खामी पाई गई। जिन्हें नोटि जारी कर जवाब मांगा हैं।