जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में रमजान के पहले जुमे पर मस्जिदों में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी पड़ी। अकीदतमंदों द्वारा रमजान के पहले जुमे की नमाज अदा की गई। नगर समेत गांव बक्सर, पलवाड़ा, बहादुरगढ़, हिम्मतपुर, वैठ समेत अन्य गांव की मस्जिदों में नमाजियों ने नमाज अदा की।
मस्जिदों के इमाम ने रमजान की फजीलत पर तकरीरों में बयान दिए गए। जिसमे कहा गया कि रमजान का महीना रहमत व बरकत का है। इसमें लोगों को एहतराम करना चाहिए। हालांकि हर बालिग मर्द और औरत पर रोजा फर्ज है। अगर किसी कारण कोई रोजा नहीं रखता हो, तो उसे एहतराम करना चाहिए।
नौवां महीना रमजान बेहद पाक माना गया है। इसे अल्लाह की रहमत और बरकत का महीना माना जाता है। चांद दिखने के साथ रमजान के महीने की शुरुआत होती है और चांद दिखने के साथ ही इसका समापन होता है। रमजान समापन के बाद ईद मनाई जाती है। रमजान के दौरान व्यक्ति अपनी आदतों, विचारों और मन को शुद्ध करता है और अल्लाह से अपने रिश्तों को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक नेक काम करता है।
रमजान तीन असरों में बंटा हुआ है। पहले असरे के दस दिन रहमत व बरकत का जबकि दूसरे असरे के दस दिन गुनाहों से माफी का, वही अंतिम दस दिन जहन्नुम से आजादी का होता है। इस माह में जितनी इबादत की जाए अल्लाह अपने बंदों पर उससे कई गुना ज्यादा सबाब लुटाता है। रमजान के पहले जुमे पर पुलिस भी तैनात की गई। क्षेत्राधिकारी आशुतोष शिवम, कोतवाली प्रभारी विनोद पांडेय, बहादुरगढ़ में प्रभारी सुरेश चंद, सिंभावली में धानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह निरंतर गश्त करते नजर आए।