हापुड़ में परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने से पूर्व यात्री आपातकालीन स्थिति और स्वास्थ्य खराब होने की स्थिति का सामना करने के लिए फर्स्ट एड की व्यवस्था कर लें। क्योंकि अधिकांश रोडवेज बसों से फर्स्ट एड बॉक्स गायब है या उनमें दवाई नही है। ऐसे में चोट लगने व तबीयत खराब होने पर यात्रियों को परेशानी हो सकती है। ऐसे में सवारियों से टिकट के पैसे वसूलकर रोडवेज केवल उनको गंतव्य तक पहुंचाने का काम करता है, बीच सफर में उनकी जान की कोई परवाह नहीं है।
यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर परिवहन निगम गंभीर नहीं है। हापुड़ रोडवेज डिपो से लखनऊ, बरेली, सीतापुर, दिल्ली, नोएडा, मोदीनगर सहित विभिन्न मार्गों पर 129 बसों का संचालन होता है, इनमें रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए रोडवेज बसों में फर्स्ट एड बॉक्स लगाया जाता है।
इसमें प्राथमिक उपचार के लिए दवाईयां रखी जाती हैं। इससे यात्रियों को जरूरत पर सुविधा का लाभ मिल सके। लेकिन डिपो की किसी बस से फर्स्ट एड बॉक्स गायब है तो किसी फर्स्ट एड बॉक्स में दवाइयां उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही चालक व परिचालक भी प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षित नहीं है। ऐसे में सफर के दौरान तबीयत खराब होने पर यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रणजीत सिंह का कहना है कि सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था है। अगर किसी बस बस में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं है, उनमें जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित कर दिया गया है।