हापुड़ जिले में सोमवार को तापमान पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़कर 46 डिग्री तक पहुंच गया। इस भयंकर गर्मी से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गर्मी का आलम यह रहा कि दिन निकलने के बाद दस बजते ही पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया। दोपहर तीन बजे से अधिक तापमान नोट किया गया। दोपहर के समय सड़कें सूनी रहीं, घरों में लोग गर्मी से परेशान दिखाई दिए। चिकित्सक इस मौसम में सावधान रहने की हिदायत दे रहे हैं।
मई के अंतिम पड़ाव में ही गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है। रिकॉर्ड तापमान के साथ सड़कों पर भयंकर गर्मी के कारण सन्नाटा पसरा रहा। दिन निकलते ही आसमान से आग बरसने लगती है और पसीना निकलने लगता है। लोगों को घरों से बाहर निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। भीषण गर्मी के साथ ही लू का प्रकोप भी जारी रहा। गर्म हवा के कारण लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है।
इस मौसम ने लोगों के स्वास्थ्य की कमर भी तोड़ दी है। गर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह आठ बजे तापमान 34 डिग्री दर्ज किया गया। जिसके बाद दस बजे तक पारा 40 डिग्री तक पहुंच चुका था, जो तीन बजे अधिकतम 46 डिग्री दर्ज किया गया। इसके साथ ही गर्म हवाओं ने लोगों को खूब परेशान किया। दोपहिया वाहन चालकों को तौलिये या अंगोछे का सहारा लेना पड़ा।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार का ने बताया कि 2019 में अधिकतर तापमान 45 डिग्री दर्ज किया गया था। इसके बाद अब तक सालों में इससे अधिक तापमान नहीं रहा लेकिन, इस वर्ष यह रिकॉर्ड टूट गया है। सोमवार को तापमान पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़कर 46 डिग्री तक पहुंच गया।
इस मौसम में बरते सावधानी :
- धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपड़े, टोपी अथवा फुल बाजू शर्ट का उपयोग करें।
- पानी, छाछ, ओआरएस का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन करते रहे।- यथा-संभव दोपहर 12 से दोपहर ४ बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें।
- धूप में निकलने के पहले तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक एवं गुडुरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें।- जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी
दें। - अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछे या कई बार स्नान करें। धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें।
- वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनील त्यागी का कहना है कि इस मौसम में सावधानी बरतनी ही जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही से ही बीमारी हो सकती है। दोपहर के समय बाहर निकलने से परहेज करें। बच्चों को धूप में न खेलने दें। शरीर में किसी भी प्रकार से पानी की कमी न होने दें। डायरिया से बचाव की पूरी तैयारी है।