जनपद हापुड़ के सिंभावली गांव हिम्मतपुर में बुखार का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। गांव में एक दर्जन से अधिक ग्रामीण पीड़ित हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग सोमवार को गांव में शिविर लगाने की बात कह रहा है।
हिम्मतपुर निवासी सुरेंद्र के बेटे गौरव (19 वर्ष) को कुछ दिन पहले बुखार हुआ था, जिसे परिजनों ने उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। सुरेंद्र ने बताया कि रक्त जांच कराने पर प्लेटलेट्स काफी कम आईं। उपचार के दौरान 22 नवंबर को गौरव ने दम तोड़ दिया।
वहीं गांव में नरेंद्र उर्फ नटवर (50 वर्ष) की भी बुखार के चलते मौत हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी भी लखपत, सृष्टि, आदिल समेत करीब एक दर्जन लोग बुखार से पीड़ित हैं। गांव में बुखार से दो मौत होने के बाद दहशत का माहौल बना हुआ है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक गांव में शिविर नहीं लगाया है।
सिखैड़ा सीएचसी अधीक्षक डॉ. अमित बैंसला का कहना है कि सोमवार को गांव में शिविर लगाकर जांच कराई जाएंगी। इसके अलावा लार्वा की तलाश के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जांच समेत दवाएं उपलब्ध हैं। बीमार होने पर सीएचसी और पीएचसी पर पहुंचकर जांच अवश्य कराएं।