हापुड़। किसानों को दी जाने वाली खाद की सब्सिडी सीधे किसानों तक नहीं पहुंची, बल्कि दलालों और माफियाओं की जेब में चली गई है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग की जांच में कुल 307 मीट्रिक टन अनुदानित खाद की कालाबाजारी का खुलासा हुआ है। यह खाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अवैध तरीके से बेची गई।
विभागीय कार्यवाही और मुकदमे
जिला कृषि अधिकारी गौरव प्रकाश ने बताया कि खाद की कालाबाजारी में शामिल चार फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं, जबकि दो के खिलाफ थाना हापुड़ देहात में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
कालाबाजारी की विस्तृत जांच
गढ़ रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग के पास विकास कुमार अग्रवाल के स्वामित्व वाली दो फर्में – मेसर्स दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी (प्राइवेट होलसेलर) और मेसर्स दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी (प्राइवेट रिटेलर), तथा विवेक अग्रवाल की दो फर्में – चेतन प्रकाश एंड कंपनी (प्राइवेट होलसेलर) और मेसर्स साईं ट्रेडिंग कंपनी (प्राइवेट रिटेलर) पक्का बाग चौपला पर हैं।
किसानों द्वारा की गई शिकायत के बाद जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय के आदेश पर कृषि विभाग ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि इन फर्मों ने मिलकर 42 मीट्रिक टन खाद प्रदेश के बाहर दिल्ली के वसुंधरा इन्क्लेव के पते पर बेची, जिसमें नीम कोटेड यूरिया, डीएपी, एसएसपी समेत अन्य उर्वरक शामिल थे।
अन्य जिलों में भी खाद की अवैध बिक्री
इन विक्रेताओं ने करीब 3000 बैग अनुदानित नीम कोटेड यूरिया, 500 से अधिक डीएपी, एसएसपी व अन्य उर्वरकों को उत्तर प्रदेश के उन्नाव, आंबेडकर नगर, बिजनौर, बागपत, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, बुलंदशहर आदि जिलों में भी बेचा।
नियमों का उल्लंघन
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि दुर्गा ट्रेडिंग कंपनी (प्राइवेट रिटेलर) ने यारा फर्टिलाइजर्स इंडिया लिमिटेड के अधिकृत होलसेल डीलर न होने वाले विक्रेताओं से भी उर्वरक खरीदा, जो नियमों का उल्लंघन है।
प्रशासनिक आदेश
जिलाधिकारी के निर्देश पर विकास अग्रवाल और विवेक अग्रवाल के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही चार फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं।
जिला कृषि अधिकारी
गौरव प्रकाश