हापुड़। पिलखुवा के अर्वाचीन स्कूल द्वारा आरटीई में चयनित छात्रों से शुल्क मांगने की शिकायत बीएसए कार्यालय में हुई है। वहीं, पहले नोटिस का जवाब न देने के कारण बीएसए द्वारा दूसरा नोटिस भेजने की तैयारी है। स्कूल में निजी प्रकाशक का कोर्स अभी भी बेचा जा रहा है। जोकि किताबे सालभर तक छात्रों को नहीं पढ़ाई जाती।
नवीन शैक्षणिक सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से हो चुकी है। अभिभावकों की शिकायत पर पिछले दिनों बीएसए रितु तोमर ने पिलखुवा के अर्वाचीन स्कूल का निरीक्षण किया था। इस दौरान स्कूल में काउंटर बनाकर निजी प्रकाशकों के कोर्स छात्रों को दिए जा रहे थे। बीएसए ने जांच के दौरान देखा कि इनमें बहुत सी किताबें ऐसी हैं जो सालभर तक पढ़ाई ही नहीं जाती हैं, जो जबरन कोर्स में लगाई जा रहीं थी।
जबकि स्कूल की बेसिक शिक्षा विभाग से मिली मान्यता भी 2019 में ही समाप्त हो चुकी है। इस प्रकरण में स्कूल को नोटिस जारी किया गया था। लेकिन स्कूल ने कोई जवाब नहीं दिया। आरटीई में छात्रों को अर्वाचीन स्कूल में सीटें आवंटित हुईं।
आरटीई के चयनित बच्चों से शुल्क मांगने की शिकायत अभिभावकों ने की है। बीएसए द्वारा बताया गया कि कार्यालय में कुछ बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल पर शुल्क मांगने का आरोप लगाया है। स्कूल में अभी भी निजी प्रकाशकों की किताबों की बिक्री हो रही है।
उन्होंने बताया कि स्कूल में अभी भी इस तरह की किताबों की बिक्री हो रही है। साथ ही अन्य शिकायतों को लेकर स्कूल को दूसरा नोटिस भेजा जा रहा है। पुन स्कूल का निरीक्षण किया जाएगा और सख्त कार्यवाही अब अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक कर, बीएसए ने उन्हें हर रोज निजी स्कूलों के निरीक्षण के आदेश दिए हैं।
बीएसए रितु तोमर- ने बताया की अर्वाचीन स्कूल में आरटीई के चयनित बच्चों से शुल्क मांगने की शिकायत अभिभावकों ने की है। स्कूल में निजी प्रकाशक का कोर्स अभी भी बेचा जा रहा है। स्कूल ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है, दूसरा नोटिस तैयार कराया जा रहा है। साथ ही निरीक्षण कर, अब कार्यवाही की तैयारी है।