भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने जिले के गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर 30 जुलाई को जिला मुख्यालय (कलक्ट्रेट) का घेराव करने की घोषणा की है। यह फैसला गांव धनौरा में आयोजित संगठन की बैठक में लिया गया, जिसमें जिले भर के पदाधिकारी और किसान नेता शामिल हुए।
📉 क्यों नाराज़ हैं किसान?
भाकियू के अनुसार,
- जिले की दो प्रमुख चीनी मिलों पर किसानों का ₹300 करोड़ से अधिक बकाया है।
- अभी तक आधा भुगतान भी नहीं किया गया है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति संकट में है।
- इसके अलावा, नलकूप बिजली बिलों में मनमाना बकाया दिखाया जा रहा है, जबकि कई किसानों ने समय पर भुगतान कर दिया है।
- आलू खरीद व्यवस्था में भी धांधली और लचर व्यवस्था को लेकर किसान नाराज हैं।
🗣️ भाकियू का एलान
बैठक की अध्यक्षता जिला संरक्षक जिया उल हक और संचालन जिला महासचिव कुलदीप राठी ने किया।
युवा जिलाध्यक्ष ज्ञानेश्वर त्यागी ने कहा:
“अब किसानों के सब्र का बांध टूट रहा है। चीनी मिलों ने महीनों बाद भी पूरा भुगतान नहीं किया। बिजली विभाग भी झूठे बकायों का नोटिस भेज रहा है। प्रशासन नहीं चेता तो आंदोलन तेज होगा।”
📆 30 जुलाई को घेराव तय
भाकियू ने स्पष्ट किया है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो
30 जुलाई को कलक्ट्रेट का घेराव,
धरना प्रदर्शन
और प्रशासनिक चेतावनी जैसे कदम उठाए जाएंगे।
👥 बैठक में उपस्थित प्रमुख चेहरे:
नवीन त्यागी, जुगमेंद्र चौधरी, हरीश त्यागी, मुकेश त्यागी, मुजाहिद, राजीव त्यागी, जितेंद्र चौधरी, आवेश चौधरी, विकास त्यागी, शेर चौधरी, मन्नू ठेकेदार, कृष्णा चौधरी, अजय चौधरी, नदीम चौधरी, अमित चौधरी, अशोक त्यागी समेत कई किसान और संगठन से जुड़े लोग उपस्थित रहे।