जनपद हापुड़ में जिले के किसानों को सरकार से घोषित 650 रुपये प्रति क्विंटल में आलू बिक्री के लिए इंतजार करना होगा।
क्योंकि शासन की योजना में फिलहाल हापुड़ शामिल नहीं है, मंडी में 450 से 500 रुपये क्विंटल में हाईब्रिड आलू बिक रहा रहा है। भंडारण के लिए अभी भी मारामारी है, ऐसे में दूसरे जिलों का आलू किसानों की चिंता बढ़ा रहा है।
जिले में इस साल 1.80 लाख मीट्रिक टन आलू के उत्पादन की उम्मीद है। हाईब्रिड आलू का उत्पादन बंपर है, जिसके चलते बाजार में इसके रेट लगातार गिरते जा रहे हैं। चिप्सोना आलू के दाम सरकार की घोषणा से कुछ ऊपर ही हैं, लेकिन खेतों में इसका उत्पादन दम तोड़ रहा है। बहरहाल, सरकार की घोषणा से हाईब्रिड आलू उत्पादक किसानों में राहत की उम्मीद जगी है।
फिलहाल मंडी पर गौर करें तो यहां हाईब्रिड आलू का कट्टा 200 से 250 रुपये का बिक रहा है, जो करीब 500 रुपये क्विंटल तक का दाम किसानों को दे रहा है। लेकिन सरकार की योजना में पहले चरण में हापुड़ को शामिल नहीं किए जाने के कारण किसानों को यह आलू भी कोल्ड स्टोर में स्टोरेज ही करना पड़ रहा है।
मुख्य बात यह है कि शीतगृहों ने इस वर्ष भंडारण शुल्क बढ़ा दिया है, एक क्विंटल आलू स्टोरेज के 300 रुपये किसानों से लिए जाएंगे, ऐसे में किसानों को आलू की फसल से नुकसान हो रहा है।
भंडारण के लिए अभी भी मारामारी है, शीतगृहों के बाहर अभी भी लंबी कतार हैं, उद्यान विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 25 से 30 फीसदी शीतगृह खाली हैं, लेकिन शीतगृह एसोसिएशन से वार्ता पर पता चला कि अब अधिकतम 20 फीसदी कोल्ड स्टोर ही खाली बचे हैं।
मुख्य बात यह है कि आस पास के जिलों में भी आलू की बंपर पैदावार है, ऐसे में वहां का आलू यदि भंडारण के लिए जिले में आया तो स्थानीय किसानों को आलू का भंडारण करना मुश्किल हो जाएगा। यह सोच कर किसानों की चिंता बढ़ रही है।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. हरित कुमार- का कहना है की शासन के आदेश पर हापुड़ में भी जल्द आलू की खरीद शुरू होगी, फिलहाल पहले चरण में हापुड़ शामिल नहीं किया गया है। शीतगृहों में आलू भंडारण को लेकर किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।